पंजाब में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले चंडीगढ़ नगर निगम के परिणामों ने मतदाताओं के रुझान को प्रस्तुत कर दिया है। जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) को खुशी मिली है तो भाजपा से सत्ता दूर हो गई है। इस चुनाव में त्रिशंकू परिणाम सामने आए हैं। जिसमें खुशियां भले ही मिली हो लेकिन सत्ता तभी मिल पाएगी जब तेरा मेरा साथ हो।
आम आदमी पार्टी को नगर निगम की कुल 35 सीटों में से 14 पर विजय प्राप्त हुई है। वहीं, अब तक नगर निगम में सत्ता संभाल रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 12 और कांग्रेस 8 सीटें ही जीत पाई। इसके साथ ही शिरोमणि अकाली दल के खाते में एक सीट गई है। परिणामों में विशेष बात यह है कि, वार्ड क्रमांक-17 में आप नेता दमनप्रीत सिंह ने 828 वोटों से भाजपा के महापौर रविकांत शर्मा को हरा दिया। यही नहीं, पूर्व महापौर एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेश मोदगिल भी अपनी सीट हार गए।
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चंडीगढ़ नगर निगम में सत्ता स्थापित करने के लिए 17 पार्षदों की आवश्यकता होती है। इसे देखते हुए स्पष्ट है कि किसी के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है।
चंडीगढ़ निगम संचालन नियम के अनुसार यहां मेयर का कार्यकाल एक वर्ष का होता है और वह 1 जनवरी से लागू माना जाता है। ऐसे में राजनीतिक जोड़तोड़ भू शुरू हो गई है और प्रशासक ने भी कानूनी राय लेनी शुरू कर दी है। मंगलवार को इस संबंध में कोई फैसला हो सकता है।
पंजाब में बदलाव के संकेत : केजरीवाल
चंडीगढ़ नगर निगम में अच्छे प्रदर्शन पर आम आदमी पार्टी के मुखिया एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुशी व्यक्त की है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘चंडीगढ़ नगर निगम में आम आदमी पार्टी की ये जीत पंजाब में आने वाले बदलाव का संकेत है। चंडीगढ़ के लोगों ने आज भ्रष्ट राजनीति को नकारते हुए आप की ईमानदार राजनीति को चुना है। आप के सभी विजयी उम्मीदवारों एवं सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई। इस बार पंजाब बदलाव के लिए तैयार है।’