Chennai: आतंकियों की रिहाई के लिए मुस्लिमों का प्रदर्शन, तुष्टीकरण की पहल से मिला बल, जानें कैसे ?

प्रदेशाध्यक्ष अन्नामलाई ने कहा कि मानवता के आधार पर केवल सामान्य कैदियों की रिहाई होती है। लेकिन अभी जिन कैदियों की रिहाई की बात चल रही है, उनमें आतंकवादी हैं। इसलिए मानवता की दलील आतंकियों के संदर्भ में नहीं दी जानी चाहिए है।

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चेन्नई (Chennai) में ट्रिप्लिकेन मस्जिद के बाहर मुस्लिम संगठनों (muslim organizations) ने 36 मुस्लिम कैदियों की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन (Demonstration) किया। इनमें से 16 कैदी कोयंबटूर बम बिस्फोट (coimbatore bomb blast) मामले के आरोपी हैं। प्रदर्शनकारियों को बल तमिलनाडु विधानसभा की उस पहल से मिल गया, जिसमें 10 अक्टूबर को राज्य के कई दलों ने विधानसभा में 36 मुस्लिम कैदियों (muslim prisoners) की रिहाई की मांग संबंधी एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था ।

स्टालिन सरकार ने राज्यपाल से की सिफारिश
तमिलनाडु विधानसभा (Tamil Nadu Assembly) में अन्नाद्रमुक के एडप्पादी के पलानीस्वामी ने 20 साल से जेल में बंद कैदियों के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उनकी रिहाई की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (Chief Minister MK Stalin) ने रिहाई के लिए आजीवन कारावास वाले 49 कैदियों की सूची राज्यपाल को भेजे जाने की जानकारी दी।

भाजपा ने जताया विरोध
आतंकी गतिविधियों में शामिल मुस्लिम कैदियों की रिहाई की मांग का भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने जमकर विरोध किया । प्रदेशाध्यक्ष अन्नामलाई ने कहा कि मानवता के आधार पर केवल सामान्य कैदियों की रिहाई होती है। लेकिन अभी जिन कैदियों की रिहाई की बात चल रही है, उनमें आतंकवादी हैं। इसलिए मानवता की दलील आतंकियों के संदर्भ में नहीं दी जानी चाहिए है।

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