मणिपुर (Manipur) करीब दो महीने से जातीय हिंसा (Violence) की आग में जल रहा है। शांति बहाली की तमाम कोशिशों के बावजूद हालात सुधरते नजर नहीं आ रहे हैं। इस बीच दावा किया जा रहा है कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह (Chief Minister N. Biren Singh) शुक्रवार (30 जून) को इस्तीफा (Resignation) दे सकते हैं। वहीं इस्तीफे की खबरों के बीच एन बीरेन सिंह मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके (Governor Anusuiya Uikey) से मुलाकात कर सकते हैं।
जानकारी के अनुसार, इस्तीफे की खबर के बाद सीएम एन. बीरेन सिंह के घर के बाहर बड़ी संख्या में उनके समर्थक जुटने लगे हैं। मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह शुक्रवार दोपहर 3 बजे राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं। मणिपुर में 3 मई से शुरू हुई जातीय हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है।
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इस्तीफा नहीं देंगे एन. बीरेन सिंह: भाजपा सूत्र
हालांकि, भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एन बीरेन सिंह का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाएगा। माना जा रहा है कि भाजपा उन पर आगे भी भरोसा जता सकती है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका और मिस्र दौरे से लौटने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें मणिपुर के बारे में पूरी जानकारी दी। एक रैली में अमित शाह ने कहा था कि पीएम मोदी की नजर पहले दिन से मणिपुर पर है।
तीन मई से शुरू हुई थी हिंसा
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में 3 मई को पहाड़ी जिलों में एक आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किया गया था। जिसके बाद हिंसा शुरू हो गई। मैतेई समुदाय, जो राज्य की आबादी का 53 प्रतिशत है, मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहता है। वहीं, नागा और कुकी जैसे आदिवासी समुदाय आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
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