मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) मुद्दे पर महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) ने बुधवार (1 नवंबर) को सर्वदलीय बैठक (All-Party Meeting) बुलाई है। राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसक हो चुके मराठा आरक्षण आंदोलन (मराठा आरक्षण आंदोलन) के बीच राज्य की स्थिति पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। लेकिन, इस बैठक के लिए उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की पार्टी शिवसेना (उबाठा) को न्योता नहीं दिया गया है।
पिछले कुछ दिनों में राज्य के कई हिस्सों में हिंसा की घटनाएं देखने को मिली हैं। मराठवाड़ा के पांच जिलों में सरकारी बस सेवाएं पूरी तरह से निलंबित कर दी गई हैं, जबकि बीड के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट बंद कर दिया गया है, जहां प्रदर्शनकारियों ने राजनीतिक दल के नेताओं के आवासों को निशाना बनाया। मुख्यमंत्री ने लोगों से हिंसा न करने की अपील की है और राजनीतिक दलों से भी ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल होने से बचने को कहा है जिससे स्थिति खराब हो सकती है।
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उबाठा शिवसेना सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के सांसदों और विधायकों को सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है। राउत ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में केवल महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे को आमंत्रित किया गया है।
यह है मामला
गौरतलब है कि मंगलवार को मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक हुई थी। इस दौरान मराठा समुदाय को आरक्षण देने पर जस्टिस संदीप शिंदे कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट को कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। साथ ही, यह निर्णय लिया गया कि पिछड़ा वर्ग आयोग मराठा समुदाय की सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति का आकलन करने के लिए नए डेटा एकत्र करेगा।
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