उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सिख धर्म गुरुओं का अपना एक उत्कृष्ट इतिहास है। उन्होंने धर्म, संस्कृति के साथ मातृभूमि के प्रति भी अपना सर्वस्व न्योछावर किया है। उस कालखंड में जब बर्बर औरंगजेब की क्रूरता से भारत आतंकित था, तो उस समय गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा की। सिख धर्म के 9वें गुरु तेग बहादुर का 28 नवंबर को पावन शहीदी दिवस पर्व मनाया गया।
भारत के लिए कर दिया स्वयं का बलिदान
गुरु तेगबहादुर शहीदी दिवस पर गुरुद्वारे में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज से 347 वर्ष पूर्व भारत को क्रूर हाथों से मुक्त कराने के लिए उन्होंने अपना बलिदान दिया था। सिख धर्मगुरुओं ने उस कालखंड में अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया जब बर्बर औरंगजेब के क्रूरता से भारत आतंकित था, तो उस समय गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा की। उन्हें प्रेरित करने वाला कोई और नहीं उनका अपना पुत्र था।
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हमें इनके बलिदान को नहीं भूलना चाहिए
भारत कश्मीर तक जूझ रहा था, तब गुरु तेग बहादुर जी ने बलिदान दिया। आज हम एक स्वतंत्र देश के नागरिक हैं, लेकिन हमें याद रखना होगा कि हमारा आजादी का अमृत महोत्सव इन्हीं के बलिदान और त्याग के बल पर खड़ा हुआ है। आज गुरु गोविंद सिंह के चार साहबजादों के लिए बाल दिवस मनाया जाता है। पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। गुरु तेगबहादुर जी के बलिदान से हमको प्रेरणा मिलती है। उसे हमें विस्मृत नहीं करना चाहिए। सिख धर्म गुरुओं के बलिदान से देश समाज को प्रेरणा मिलती है।