विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर आने वाले 30 से अधिक पर्वतारोहियों के संक्रमित पाए जाने के बाद चीन को एक बार भी कोरोना महामारी का डर सताने लगा है। इसे लेकर उसने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उसने एवरेस्ट पर अपनी ओर सीमा रेखा बनाने की योजना बनाई है। चीन का कहना है कि उसने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए यह योजना बनाई है। माउंट एवरेस्ट चीन-नेपाल सीमा को घेरता है, जिसमें उत्तरी ढलान चीन की ओर है।
बता दें कि दिसंबर 2019 में चीन के वुहान से ही कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू हुआ था और मात्र तीन महीनों में इसने महामारी का रुप धारण कर लिया था। भारत समेत कई देश इसकी चपेट में आ गए। तब से शुरू हुई कोरोना वायरस की तबाही अब तक जारी है।
30 से अधिक पर्वतारोही संक्रमित
अप्रैल के अंतिम सप्ताह में एवरेस्ट की चोटी पर कोरोना संक्रमण का पहला मामला आया था। उसके बाद कई पर्वतारोहियों के संक्रमित होने की जानकारी मिली थी। हाल ही में नेपाल की दुनिया के सबसे ऊंची चोटी पर स्थित बेस कैंप से 30 से अधिक कोरोना संक्रमितों को बाहर निकाल दिया गया है।
संक्रमण की चपेट में कई देश
भारत समेत दुनिया के कई देशों के साथ ही नेपाल भी कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में हैं। अब चीन एवरेस्ट के उत्तरी किनारे पर स्थित अपने बेस कैंप में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के उपायों पर अमल शुरू करेगा। इसके तहत एवरेस्ट के प्राकृतिक क्षेत्र में गैर-पर्वतारोही पर्यटकों को प्रवेश करने से मना किया जाएगा। बता दें कि कोरोना संक्रमण के कारण चीन ने पिछले साल से ही विदेशी नागरिकों के पर्वतारोहण पर रोक लगा रखी है। हालांकि चीन की चाल को समझना मुश्किल है। क्या पता उसकी इस योजना में भी कोई चाल हो?