नए प्रधानमंत्री और सरकार के बदले चेहरे के साथ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी तीसरी पारी शुरू कर दी है। नई पारी की शुरुआत करते हुए जिनपिंग ने ताइवान की आजादी का हर हाल में विरोध करने का ऐलान किया है।
नेशनल पीपल्स कांग्रेस की वार्षिक बैठक में नए प्रधानमंत्री सहित अन्य प्रमुख दायित्वों की घोषणा हुई है। शी जिनपिंग को चीन का अब तक का सबसे ताकतवर राष्ट्रपति माना जा रहा है। कांग्रेस की वार्षिक बैठक के दौरान जिनपिंग ने साफ कहा कि ताइवान में आजादी को लेकर हो रहे बदलावों को वे स्वीकार नहीं करेंगे। वे हर हाल में ताइवान की पूर्ण आजादी का विरोध करेंगे। उन्होंने चीन को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के साथ ताइवान के साथ शांतिपूर्ण संबंध बनाने की बात भी कही। उन्होंने अपने भाषण में सुरक्षा और प्रगति के बीच सामंजस्य बिठाने की बात भी कही। उन्होंने चीनी सेना को इस्पात की अभेद्य दीवार के रूप में रेखांकित किया।
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राष्ट्रपति के बाद प्रधानमंत्री ही दूसरा सबसे शक्तिशाली व्यक्ति
नेशनल पीपल्स कांग्रेस की बैठक के दौरान ही शनिवार को ली कियांग को चीन का नया प्रधानमंत्री बनाया गया था। चीन में राष्ट्रपति के बाद प्रधानमंत्री ही दूसरा सबसे शक्तिशाली व्यक्ति होता है। ली कियांग ने ली केकियांग की जगह ली है, जो लगातार दस सालों तक इस पद पर रहे। सरकार के अन्य अहम पदों पर भी शी जिनपिंग ने अपने करीबी सहयोगियों को जगह दी है। पीपल्स बैंक ऑफ चाइना के गवर्नर के पद पर यी गांग बने रहेंगे। चीन के वित्त मंत्री पद पर भी लियु कुन बरकरार रहेंगे।