नेताओं को देशद्रोही बोलने का प्रकरण विधान परिषद सत्र में गूंज रहा है। जिस पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नेता विपक्ष अंबादास दानवे को आड़े हाथों लिया। मुख्यमंत्री ने दानवे से सवाल पूछा कि, नवाब मलिक देशद्रोही हैं, क्या आपके दल का उनको समर्थन है?
राज्य सरकार द्वारा बजट सत्र के शुरू होने के पहले चायपान कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसका विपक्ष ने बॉयकॉट किया। इस पर मुख्यमंत्री की एक प्रतिक्रिया को विपक्ष ने विशेषाधिकार हनन के अंतर्गत उठाना शुरू किया है। इस मुद्दे को महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता विपक्षा अंबादास दानवे ने उठाया था। जिसका उत्तर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बड़ी ही कड़ाई से दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, नवाब मलिक देशद्रोही हैं। ऐसे देशद्रोही के विरुद्ध बोलना अपराध होगा तो मैं ऐसा अपराध 50 बार करुंगा। देशद्रोही नवाब मलिक को क्या आपकी पार्टी का समर्थन है?
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विधान परिषद में विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया है। मुख्यमंत्री इसी का उत्तर दे रहे थे। उन्होंने कहा कि, देशद्रोह के बारे में मेरा जो वक्तव्य है वह अजीत पवार या अन्य किसी विधायक के बारे में नहीं था। नवाब मलिक महाविकास आघाड़ी सरकार में मंत्री थे। उन पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, उसमें दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील, टायगर मेमन, हसीना पारकर का नाम है। इन सभी पर देशद्रोह के प्रकरण दर्ज हैं। इन्हीं लोगों से नवाब मलिक ने भूखंड, गाला खरीदा है। इसके बाद भी तत्कालीन सरकार ने नवाब मलिक से त्यागपत्र नहीं लिया। इसलिए मैंने कहा था कि, ऐसे देशद्रोहियों को समर्थन देनेवालों के साथ हमने चायपान नहीं किया यह अच्छा हुआ। संजय राठोड का त्यागपत्र लिया तो नवाब मलिक का त्यागपत्र क्यों नहीं लिया? इन देशद्रोहियों को समर्थन देने के कारण ही हमने उन्हें छोड़ दिया।
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