राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इस समय विपक्ष जोड़ो यात्रा के नाम से अधिक जानी जा रही है। इस यात्रा के माध्यम से राहुल गांधी अब तक जिस राज्य में गए वहां के नेताओं को एक करने के लिए हर संभव प्रयास किया। इसके लिए वह पार्टी प्रमुखों को भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का न्योता भी दिया। हालांकि, उनका यह न्योता कई नेताओं को रास नहीं आ रहा है और वह राहुल गांधी के इस प्रस्ताव को ठुकरा चुके हैं।
सीएम नीतीश का शामिल होने से इंकार
राहुल गांधी की विपक्ष जोड़ो यात्रा इस समय जम्मू-कश्मीर में है। वह चाहते हैं कि इस यात्रा में सभी विपक्षी दल शामिल हों। ऐसा लगता है कि राहुल गांधी का यह सपना सिर्फ सपना बनकर ही रह जाएगा। उनकी इस विपक्ष जोड़ो यात्रा में जहां जनता की रुचि नहीं रही, वहीं विपक्षी दलों में भी कुछ खास उत्साह नहीं देखने को मिला। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जिससे राहुल गांधी को बड़ी उम्मीद थी की वह इस यात्रा में तो जरूर शामिल होंगे। लेकिन उन्होंने भी राहुल गांधी को ठेंगा दिखा दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राहुल गांधी की विपक्ष जोड़ो यात्रा में शामिल होने से साफ-साफ इनकार कर दिया है। इससे पहले आरएलडी चीफ जयंत चौधरी ने भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने से मना कर दिया था।
30 जनवरी को होगा समापन
दरअसल, राहुल गांधी की भारत जोड़ा यात्रा 30 जनवरी को श्रीनगर में माहात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर समाप्त होगी। इसी के साथ राहुल गांधी शक्ति प्रदर्शन भी करेंगे। इसके लिए वह विपक्ष को न्योता दे रहे हैं, ताकि सभी एक मंच पर आएं। राहुल गांधी ने इस समापन समारोह में शामिल होने के लिए 24 दलों को पत्र भेजा है। जिसमें जेडीयू ने इस शक्ति प्रदर्शन में शामिल होने से मना कर दिया है।
बनिहाल में रोकी गई यात्रा
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इस समय जम्मू-कश्मीर के बनिहाल में है। यहां भारत जोड़ो यात्रा को रोक दिया गया है। कांग्रेस का आरोप है कि यात्रा को लेकर सुरक्षा नहीं मुहैया कराई जा रही है। राहुल गांधी का कहना है कि यात्रा के दौरान भीड़ को संभालने के लिए पुलिस कही भी नजर नहीं आ रही है। राहुल गांधी ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों की सलाह पर आज की यात्रा को रद्द करना पड़ा।