Uttarakhand वन्य जीवों के हमले पर वनाधिकारी होगा जिम्मेदार?

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 4 अप्रैल को वन विभाग की बैठक में अधिकारियों से कार्यों को धरातल पर उतारने को लेकर सख्त निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन जीवों से आक्रमण से मानव सुरक्षा के लिए विभिन्न विभागों के समन्वय से एक टास्क फोर्स बनाने बनाई जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर किसी बच्चे पर गुलदार हमला करता है तो इसके लिए संबंधित क्षेत्र के वनाधिकारी और डीएफओ की जिम्मेदारी तय की जाए।

कामों के प्रति रहें सचेत 
4 अप्रैल को सचिवालय में मुख्यमंत्री धामी ने वन विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों से अपने कामों के प्रति सचेत रहने को कहा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने गुलदार के मानव आक्रमण से संबंधित स्थानों के लिए एक्शन प्लान बनाने को कहा। इसके साथ ही वन क्षेत्र में अवैध खनन एवं अवैध पातन पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। यदि किसी क्षेत्र में किसी बच्चे पर गुलदार आक्रमण करता है, तो इसके लिए संबंधित क्षेत्र के वनाधिकारी एवं डीएफओ की जिम्मेदारी तय की जाये।

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घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी प्रयास
मुख्यमंत्री ने वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी प्रयास पर जोर दिया। वनों के संरक्षण और वनाग्नि को रोकने के लिए वन विभाग की ओर से जन जागरूकता के साथ जन सहभागिता पर भी विशेष ध्यान देने को कहा। वनों के संरक्षण, मानव एवं वन्यजीवों के संघर्ष को कम करने, भूस्खलन को कम करने के लिए वन विभाग की ओर से इनोवेटिव प्रयास किया जाए। इनोवेटिव कार्यों के लिए वन विभाग के अधिकारियों को लक्ष्य दिया जाय। जंगली जानवरों से किसानों को नुकसान न हो, इसके लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाई जाई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो भी कार्य किए जा रहे हैं, वह धरातल पर दिखें।

बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल,मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.संधु,अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन,प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल,महाप्रबंधक वन निगम डी.जे.के शर्मा, प्रमुख वन संरक्षक ज्योत्सना शिथलिंग एवं वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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