उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) का बड़ा एक्शन देखने को मिला। 29 मई को दिल्ली (Delhi) स्थित यूपी भवन (UP Bhawan) के कई अधिकारियों (Officials) को निलंबित (Suspended) कर दिया गया है। व्यवस्था अधिकारी दिनेश करुष सहित राकेश चौधरी और पारस को निलंबित किया गया है। अब आरसी और एआरसी पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई है। बताया जाता है कि यूपी भवन भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया था। मामले का संज्ञान लेते हुए सीएम ने कार्रवाई की। राजीव तिवारी को यूपी भवन की जिम्मेदारी दी गई है।
दरअसल, इस के पीछे एक महिला की एफआईआर है। दिल्ली में एक युवती ने केस दर्ज कराया था। इसमें महिला ने यूपी भवन के कमरे में योन शोषण की बात कही है। एफआईआर के दिल्ली पुलिस ने यूपी भवन के उस कमरे को सील कर दिया। इस मामले की जानकारी जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जब इस केस के विषय में जानकारी मिली तो गंभीरता दिखाते हुए कार्रवाई की।
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एक साथ कई अधिकारी निलंबित
दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के बाद सीएम योगी ने सोमवार को इस मामले में बड़ी कार्रवाई की है। एक झटके में दिनेश करुष, राकेश चौधरी समेत कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव एसपी गोयल ने पूरे मामले की विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला
सूत्रों के मुताबिक 26 मई को एक शख्स यूपी भवन गया था। यहां शख्स ने ड्यूटी पे तैनात पारसनाथ और सहायक राकेश कुमार से बड़े अधिकारी के लिए रूम बुक का हवाला दिया। कर्मचारी ने कमरा नंबर 122 खोला। वहां लगे सीसीटीवी में एक अज्ञात महिला के आने-जाने की फुटेज भी सामने आई है। दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है। सीएम योगी ने तत्काल पारसनाथ और राकेश दोनों को निलंबित कर दिया है। यूपी भवन की जिम्मेदारी राजीव तिवारी को सौंपी गई है।
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