उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly) के मानसून सत्र (Monsoon Session) के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद सपा सदस्य रागिनी सोनकर (Ragini Sonkar) ने महिलाओं (Woman) और बच्चों (Children) के खिलाफ अपराध का सवाल उठाया। सदन में सवाल का जवाब देते हुए नेता सदन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि अपराध (Crime) से निपटने में यूपी नंबर वन है। 2017 से पहले की सरकारें इतनी संवेदनशील नहीं थीं। अब पोर्टल सक्रिय हो गया है। महिलाओं से जुड़े लंबित मामलों के निस्तारण में यूपी देश में दूसरे नंबर पर है।
सीएम योगी ने कहा कि महिलाओं और बच्चों का यौन शोषण घर के अंदर और बाहर होता है। 2016 की तुलना में 23-24 में दहेज की घटनाओं में 17.5 फीसदी की कमी आई है। बलात्कार में 25.30 फीसदी की कमी आई है। लेकिन 17 से 2024 तक देखें तो महिला और बाल शोषण के 24402 आरोपियों को सजा दिलाई गई। 2022 से 2024 के बीच 16718 को सजा दिलाई गई।
समाजवादी पार्टी ने किया विरोध
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “महिला सुरक्षा को लेकर यह सरकार बहुत गंभीर है। इस सरकार के बनते ही हमने एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन किया। जब हमने एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन किया तो सबसे पहले समाजवादी पार्टी ने इसका विरोध किया। महिलाओं के खिलाफ अपराध के ज्यादातर मामलों में समाजवादी पार्टी से जुड़े लोग किसी न किसी तरह से शामिल हैं।
20 साल की सजा या आजीवन कारावास
धोखाधड़ी या जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों में कानून और सख्त होगा। अब पहली बार किसी महिला को अपने जाल में फंसाकर उसका उत्पीड़न करने और उसका धर्म परिवर्तन कराने वाले ‘लव जिहाद’ के दोषियों को आजीवन कारावास की सजा होगी। अवैध धर्मांतरण की गंभीर घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने कानून का दायरा और सजा की अवधि बढ़ा दी है।
अभी तक ऐसे मामलों में अधिकतम सजा 10 साल और 50 हजार रुपये तक का जुर्माना था। धर्मांतरण के लिए विदेशी फंडिंग पर अब सात से 14 साल की सजा और कम से कम 10 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। ऐसे मामले में अभियुक्त को कम से कम 20 वर्ष या आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया जाएगा।
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