केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की जन आशीर्वाद यात्रा विवादों में घिरती जा रही है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक बार फिर राणे पर निशाना साधा गया है। पार्टी मुखपत्र में राउत ने राणे की जन आशीर्वाद यात्रा की आलोचना की है। इस आलोचना में लिखा गया है कि राणे की जन आशीर्वाद यात्रा सिरफिरे लोगों की यात्रा बन गई है।
भाजपा के हमले पर टिप्पणी
सामना में लिखा गया है,’मोदी सरकार में कई मंत्री जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं। राज्य में भागवत कराड, भारती पवार और कपिल पाटील की यात्रा सुचारु रूप से चल रही है। जबकि, राणे की यात्रा में हुई गड़बड़ी के कारण मोदी की इस यात्रा का महत्व समाप्त हो गया है। महाराष्ट्र में भाजपा राज्य सरकार पर गंदे तरीके से हमला कर रही है क्योंकि उसे लगता है कि उसके पास विरोध करने के लिए मुद्दों की कमी है। राणे खुद हमला कर थक गए हैं और अब यह जिम्मेदारी दूसरे लोगों पर सौंप दी है।’
महाराष्ट्र की अस्मिता को नुकसान
सामना में लिखा गया है कि पिछले कुछ दिनों में राज्य में जो हुआ है, उससे राज्य की परंपरा और अस्मिता को बड़ा झटका लगा है। राज्य में वर्तमान में यह देखा जा रहा है कि जब कोई व्यक्ति सार्वजनिक जीवन में प्रतिष्ठा और परंपरा छोड़ देता है, तो उसका क्या हश्र होता है। राणे और उनके बेटे पिछले कई सालों से शिवसेना और उद्धव ठाकरे की असंसदीय भाषा में आलोचना कर रहे हैं, लेकिन किसी को परवाह नहीं है। लेकिन अब केंद्रीय मंत्री राणे राज्य के मुख्यमंत्री को थप्पड़ मारते हैं और भाजपा नेता ड्रामा देखते रहते हैं।
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दिल्ली से समर्थन पर आलोचना
राणे के बयान को लेकर उन्हें गिरफ्तार किया गया था और कुछ घंटों में जमानत भी दे दी गई थी। लेकिन राणे के व्यवहार का समर्थन देवेंद्र फडणवीस से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा तक ने किया है। समझा जाता है कि गृह मंत्री अमित शाह ने राणे को फोन किया और कहा, ”हम आपके साथ हैं।” अगर यह सच है तो यह साबित होता है कि दिल्ली हमेशा महाराष्ट्र के स्वाभिमान और अस्मिता का अपमान करने वालों के पीछे खड़ी रहती है।