West Bengal: भारत के निर्वाचन आयोग (ईसी) ने पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) से बुधवार को चार विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनावों के दौरान फर्जी मतदान, हिंसा और धमकी के लगभग 100 शिकायतों के बाद कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। यह उपचुनाव मानिकतला, बागदा, राणाघाट दक्षिण और रायगंज विधानसभा सीटों पर हुए थे।
बंगाल के सीईओ अरिज़ आफताब ने कहा, ‘हिंसा की कुछ रिपोर्टें थीं, लेकिन कुल मिलाकर चुनाव 10 जुलाई को शांतिपूर्ण रहा। हमने जब भी हिंसा और अनियमितताओं की रिपोर्टें हमारे अधिकारियों तक पहुंची या हमें सूचित की गईं, तब हमने तुरंत कार्रवाई की।”
सीईओ देंगे कार्रवाई का विवरण
सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने पुष्टि की कि वह चुनाव आयोग के प्रश्न का उत्तर देते हुए अब तक उठाए गए या शुरू की गई कार्रवाइयों की सूची प्रदान करेगा। एक चुनाव अधिकारी ने कहा कि बागदा में तीन लोगों को मतदाताओं को धमकाने और भाजपा उम्मीदवार पर हमला करने में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया, जबकि राणाघाट दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में भी दो को इसी कारण से गिरफ्तार किया गया।
मतदानों का प्रतिशत
उप चुनावों के दौरान विधानसभा क्षेत्रों में से रायगंज में सबसे अधिक 67.12 प्रतिशत मतदान हुआ, इसके बाद राणाघाट दक्षिण में 65.37 प्रतिशत, बागदा में 65.15 प्रतिशत और मनिकतला में 51.39 प्रतिशत मतदान हुआ। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के अनुसार, मतदान समाप्त होने पर छह बजे के बाद भी पोलिंग बूथों के बाहर कतारें देखी गईं, जिससे मतदान प्रतिशत बढ़ सकता है।
Supreme Court: सिसोदिया मामले से जस्टिस संजय कुमार ने खुद को किया अलग, इस तिथि को होगी हियरिंग
मतदान केंद्रों पर धांधली के आरोप
बागदा, मानिकतला और राणाघाट दक्षिण से हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आईं, जब भाजपा ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर अपने बूथ एजेंटों पर हमला करने और अपने उम्मीदवारों को कुछ मतदान केंद्रों पर जाने से रोकने का आरोप लगाया। भाजपा के उम्मीदवार मनोज कुमार बिस्वास और बिनय कुमार बिस्वास ने राणाघाट दक्षिण और बागदा में क्रमशः दावा किया कि उन्हें कुछ बूथों पर जाने की अनुमति नहीं दी गई। बिनय कुमार बिस्वास ने कहा, “जब मुझे शिकायत मिली कि भाजपा कार्यकर्ताओं को टीएमसी गुंडों द्वारा पीटा जा रहा है, तब मुझे बूथों पर जाने से रोका गया। कुछ क्षेत्रों में भाजपा कैंप कार्यालयों को टीएमसी ने नष्ट कर दिया।
सुरक्षाकर्मियों ने की कार्रवाई
भाजपा के मानिकतला उम्मीदवार कल्याण चौबे को भी विरोध का सामना करना पड़ा और जब वे निर्वाचन क्षेत्र में एक बूथ में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे, तब कथित टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उन्हें “वापस जाओ” के नारों के साथ अभिवादन किया। बाद में सुरक्षा कर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर किया। चौबे ने बुधवार की शाम को सीईओ कार्यालय पहुंचकर 89 बूथों में पुनर्मतदान की मांग की। उन्होंने कहा, “कुछ महिला टीएमसी कार्यकर्ताओं के साथ कुछ गुंडों ने मुझे घेर लिया और ‘वापस जाओ’ के नारे लगाए। मैंने 89 बूथों में पुनर्मतदान की मांग की है क्योंकि टीएमसी ने उपचुनाव को मजाक बना दिया है।”
टीएमसी का भाजपा पर आरोप
आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए टीएमसी नेता कुणाल घोष ने जोर देकर कहा कि बीजेपी चुनावों में अपनी असफलता को छिपाने के लिए केवल बहाने बना रही है। उन्होंने कहा, “बीजेपी जानती है कि वह चुनाव हार जाएगी, इसलिए वे बहाने बना रहे हैं। बंगाल के लोग टीएमसी के साथ हैं, यह लोकसभा चुनावों में साबित हो चुका है और उपचुनावों में फिर से साबित होगा।’