अब ये करेंगे परमबीर के आरोपों की जांच!

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है।

388

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है। सेवा निवृत्त जस्टिस कैलाश उत्तमचंद चांदीवाल की अध्यक्षता में यह कमेटी आरोपों की जांच करेगी। कमेटी 6 महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।

बता दें कि 20 मार्च को परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर गृह मंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगए थे। उन्होंने पत्र में लिखा था कि गृह मंत्री ने मुंबई के पूर्व पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए हफ्ता वसूली का टारगेट दिया था।

उलझता जा रहा है मामला
मुंबई के निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे का मामला पहले जितना सरल लग रहा था, यह उतना ही रहस्यमय बनता जा रहा है। बात मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर स्कॉर्पियों कार रखने और फिर मनसुख हिरेन की रहस्यमय मौत से शुरू होते हुए वाझे तक पहुंची थी और अब इस प्रकरण ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया है। इस मामले में गृह मंत्री अनिल देशमुख के साथ ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को हटाने और राष्ट्रति शासन लागू करने तक की मांग विपक्ष कर रहा है।

ये भी पढ़ेंः सर्वोच्च न्यायालय ने माना आरोप गंभीर पर…. परमबीर सिंह को मिला ये आदेश!

 ये रहे सबूत
परमबीर सिंह की वह वाट्सएप चैट, जो उन्होंने अपने मातहत काम करनेवाले पुलिस अधिकारियों से की थी, काफी महत्वपूर्ण हैं। तत्कालीन मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अपने पत्र में वसूली का आरोप साबित करने के लिए सोशल सर्विस ब्रांच के सहायक पुलिस आयुक्त संजय पाटील के साथ हुई अपनी वाट्सएप चैट का ब्याोरा दिया है।

ये भी पढ़ेंः अब नेता ‘लॉकडाउन’! फूट पड़े सत्ता पक्ष में ही अंतर्विरोध के सुर…

 ब्योरा इस तरह हैः

परमबीर सिंहः 16 मार्च, शाम 4.59 बजेः पाटील, फरवरी में जब आप गृह मंत्री सर और पलांडे से मिले थे तो उन्होंने कितने बार और प्रतिष्ठानों का जिक्र किया था। उन्हें कितनी रकम की उम्मीद है।
पाटीलः कोई जबाव नहीं..
परमबीर सिंहः 16 मार्च, शाम 5-00 बजेः जल्दी जबाव दें।
पाटीलः 16 मार्च, शाम 5.18 बजेः उन्होंने मुंबई में 1750 बार और प्रतिष्ठान बताए हैं। हर एक से तीन लाख रुपए वसूलने हैं। इस तरह हर महीने करीब 50 करोड़ का कलेक्शनन होगा।
पाटिलः 16 मार्च, शाम 5.23 बजेः यह बता पलांडे ने डीसीपी भुजबल के सामने 4 मार्च को बताई।
परमबीर सिंहः 16 मार्च, शाम 5.25 बजेः आप गृह मंत्री से कब मिले थे।
पाटिलः 16 मार्च, शाम 5.26 बजेः चार दिन पहले हुक्का बार को लेकर ब्रीफिंग के सिलसिले में।
परमबीर सिंहः 16 मार्च, शाम 5.27 बजेः और सचिन वाझे के साथ गृह मंत्री की मीटिंग कब हुई।
पाटीलः 16 मार्च, शाम 5.33 बजेः सर मुझे सही तारीख याद नहीं।
परमबीर सिंहः 16 मार्च, शाम 7.40 बजेः आपने कहा था कि आपकी मीटिंग से कुछ दिन पहले मुलाकात हुई थी।
पाटिलः 16 मार्च, शाम 8.30 बजा) जी सर. लेकिन यह फरवरी अंत की बात है।
रमबीर सिंहः 19 मार्च, शाम 8.02 बजेः मुझे कुछ और जानकारी चाहिए। गृह मंत्रीी से मुलाकात के बाद क्या वाझे आपसे मिला?
पाटीलः 19 मार्च, शाम, 8.53 बजेः जी सर, गृह मंत्री से मुलाकात के बाद वाझे मुझसे मिला था।
परमबीर सिंहः 19 मार्च, शाम 9.01 बजेः क्या उसने कुछ बताया कि गृह मंत्री ने उसे क्यों बुलाया था?
पाटीलः 19 मार्च, रात 9.12 बजेः उसने मुझे बताया था कि मुंबई के 1750 बार और रेस्टॉरंट हैं और प्रत्येक से तीन लाख की वसूली करनी है। जो हर महीने 40 करोड़ के आसपास होगी।
परमबीर सिंहः 19 मार्च, रात 9.13 बजेः ओह, यह तो वही बात है, जो आपसे भी की गई थी।
पाटीलः 19 मार्च, रात 9.15 बजेः जी, यही बात 4 मार्च को पलांडे ने मुझसे कही थी।
परमबीर सिंहः 19 मार्च, रात.9.16 बजेः अरे हां आप तो चार मार्च को पलांडे से मिले थे।
पाटीलः 19 मार्च रात 9.17 बजेः जी सर, मुझे बुलाया गया था।

घेरे में आ सकते हैं कुछ और पुलिस अधिकारी
इस वाट्सएप चैट और परमबीर सिंह के मुख्यमंत्री और राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को लिखे पत्र के बाद शिकंजे में कुछ और पुलिस अधिकाकारियों का आना तय है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.