तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के पुत्र और तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म के विरुद्ध दिए गए विवादित बयान का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले को लेकर अब विभिन्न न्यायालय में मामला दर्ज करने का सिलसिला शुरू हो गया है।
बिहार के बेगूसराय में वरिष्ठ भाजपा नेता और अधिवक्ता अमरेन्द्र कुमार अमर ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में परिवाद पत्र के माध्यम से मामला दर्ज कराया है। इस मामले में तीन गवाह एवं सबूत के तौर पर स्टालिन के बयान के विभिन्न मीडिया की प्रतिलिपि भी जमा कराई गई है। न्यायालय से भादवि की धारा 153-ए, 153-बी, 295-ए, 298 एवं 505 के तहत कार्रवाई की मांग की गई है।
सनातन धर्मावलंबियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप
अमरेन्द्र कुमार अमर ने बताया कि उदय निधि स्टालिन द्वारा दो सितम्बर को चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम में डेंगू और मलेरिया की तरह, हिंदुओं को समाप्त करने की बात कही गई है। उदय निधि के इस बयान से देश के करोड़ सनातन धर्मावलंबी हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंची है। इसलिए उदय निधि स्टालिन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
हिंसा फैलाने वाला बयान
परिवाद पत्र में कहा गया है कि चेन्नई में सनातन उन्मूलन सम्मेलन के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में उदय निधि ने तमिल भाषा में सनातन धर्म के विरूद्ध उत्तेजक अपमानजनक, विद्वेषकारी तथा हिंसा फैलाने वाला बयान दिया। उसने कहा है कि डेंगू मच्छर, मलेरिया और कोरोना की तरह हमें सनातन को मिटाना है।
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दंडित करने की मांग
उक्त बयान धर्म एवं उपासना के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने, सदभाव बिगाड़ने तथा राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कृत्य है। यह बयान सनातन धर्मावलंबी के धार्मिक विश्वासों को ठेस पहुंचाने के साथ गैर सनातन धर्मावलंबी को सनातन धर्मावलंबी के खिलाफ हिंसा करने के लिए उकसाने का अपराध है। इसके लिए मामले का विचारण कर दंडित किया जाए।