राज्य में महाविकास आघाड़ी की सरकार है। इस सरकार में नित नई समस्या खड़ी हो जाती है। निधि आबंटन को लेकर शिवसेना विधायकों की नाराजगी दबने के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने मुख्यमंत्री पर निधि आबंटन में भेदभाव का आरोप लगाया है। समय-समय पर एक दूसरे पर लगाए जा रहे आरोप आघाड़ी सरकार में ऑल इज नॉट वेल का संकेत भी हो सकता है।
आघाड़ी सरकार में सार्वजनिक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण अपनी ही सरकार से नाखुश हैं। उनका आरोप है कि कांग्रेस शासित महानगर पालिकाओं को मुख्यमंत्री निधि आबंटन नहीं कर रहे हैं। चव्हाण ने इसका उदाहरण देते हुए नांदेड का जिक्र किया कि वहां भी निधि नहीं मिली है। लेकिन हमने सार्वजनिक निर्माण विभाग से निधि उपलब्ध करके दिलाई है।
चव्हाण ने बताई राज की बात
परभणी में अतिवृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचे थे सूबे के मंत्री अशोक चव्हाण। इसके बाद बातचीत में उन्होंने राज्य सरकार के महाविकास की पोथी ही पढ़नी शुरू कर दी। अशोक चव्हाण ने बताया कि कांग्रेस हाइकमान महाविकास आघाड़ी के गठन के विरोध में था। लेकिन राज्य के नेताओं के आग्रह के कारण महाविकास आघाड़ी का गठन हुआ। क्योंकि दिल्ली के नेता इस असमंजस में थे कि शिवसेना से गठबंधन करना चाहिए या नहीं। राज्य में भाजपा ने कांग्रेस को खत्म करने का कार्य शुरू कर दिया था। इसलिए राज्य के नेताओं का मानना था कि बीजेपी को रोकना है तो शिवसेना से गठबंधन करना ही चाहिए।
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