लगता है कांग्रेस को सत्ता से बाहर रहना बहुत अखरने लगा है। इसलिए अब उसे शायद अंग्रेजों का शासन पसंद आने लगा है। तभी तो पार्टी के बड़े नेता ब्रिटिश शासन की प्रशंसा करते दिख रहे हैं। ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोप से भारत में हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं। पहले पार्टी के युवराज ने मार्च 2023 में दौरे के समय ब्रिटेन में विदेशी हस्तक्षेप की मांग कर आए और अब पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी कुछ ऐसे ही बयान दिए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने उनके इस बयान को लेकर मामला दर्ज करा दिया है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ 8 जुलाई की इंदौर के तुकोगंज थाना में आपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ है। सिंह के विरुद्ध यह प्रकरण अधिवक्ता राजेश जोशी ने दर्ज कराया है। इसमें सिंह पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छवि धूमिल कर बदनाम करने और धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया गया है। उज्जैन में भी दिग्विजय के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज की गई है।
दिग्विजय सिंह ने कहा क्या?
दिग्विजय सिंह ने एक पोस्टर शेयर किया है। उसमें यह दावा किया गया है कि संघ के द्वितीय सरसंघचालक गोलवलकर द्वारा एक बार कहा गया था, “मैं सारी जिंदगी अंग्रेजों की गुलामी करने के लिए तैयार हूं लेकिन जो दलित, पिछड़ों और मुसलमानों को बराबरी का अधिकार देती हो, ऐसी आजादी मुझे नहीं चाहिए। ” पोस्टर को शेयर करते हुए दिग्विजय ने लिखा, “गुरु गोलवलकर के दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों के लिए और राष्ट्रीय जल, जंगल और जमीन पर अधिकार पर क्या विचार थे, जरूर जानिए।”
आरएसएस का हमला
द्वितीय सरसंघचालक गोलवलकर की तस्वीर अनर्गल बातों के साथ पोस्ट करने से संघ स्वयंसेवकों में दिग्विजय सिंह के खिलाफ भारी नाराजगी है। इस पर रास्वसंघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख की प्रतिक्रिया भी सामने आ चुकी है। सुनील आम्बेकर ने इसके जवाब में एक ट्वीट किया । उन्होंने ट्वीट में कहा, “गोलवलकर गुरुजी के संदर्भ में यह ट्वीट तथ्यहीन है और सामाजिक विद्वेष उत्पन्न करने वाला है। संघ की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से यह झूठा फोटोशॉप्ड पोस्टर बनाया गया है। गुरुजी ने कभी भी ऐसे नहीं कहा। उनका पूरा जीवन सामाजिक भेदभाव को खत्म करने में लगा रहा।”
मणिपुर में हिंसा जारी, कब तक शुरू होगा इंटरनेट? उच्च न्यायालय ने सरकार से मांगी ये रिपोर्ट
राहुल गांधी ने की थी विदेश से हस्तक्षेप की मांग
मार्च में अमेरिका दौरे के समय राहुल गांधी ने भी भारत में लोकतंत्र को खतरा बताया था। उन्होंने कहा था कि हरेक भारतीय का कर्तव्य है कि वह भारत के मूल्यों की रक्षा करे और हमारे लोकतंत्र की रक्षा करे। इसके साथ ही उन्होंने भारत में ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोप से हस्तक्षेप की भी मांग की थी। राहुल गांधी ने आरएसएस की आलोचना करते हुए कहा था कि आरएसएस एक कट्टरपंथी, फासीवादी संगठन है। आरएएसएस ने देश की संस्थानों पर कब्जा कर लिया है। उसने देश की लोकतांत्रिक चुनाव के प्रकृत्ति को बहल दिया है। राहुल गांधी ने कहा था कि आरएसएस भारत के लोकतंत्र के लिए खतरा है।
भाजपा ने की थी कड़ी आलोचना
कांग्रेस के युवराज ने यह बात अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान कही थी। देश से बाहर उनके इस तरह के बयान की भारतीय जनता पार्टी ने काफी आलोचना की थी। भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी के इस बयान की कड़ी आलोचना की थी। प्रसाद ने राहुल गांधी पर भारत में विदेशी हस्तक्षेप की मांग करने और विदेशी धरती पर देश का अपमान करने का आरोप लगाया था। राहुल गांधी के बाद अब दिग्विजय सिंह ने भी आरएसएस और ब्रिटिश शासन को लेकर विवादित बयान दिया है।