Maharashtra के आगामी विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग पर कांग्रेस ने ठंडा रुख अख्तियार कर रखा है। मुख्यमंत्री चेहरे के मुद्दे पर महा विकास आघाड़ी में राजनीतिक मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे की अपने गठबंधन के सहयोगियों के सामने चुनाव प्रचार से पहले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा करने की मांग का कांग्रेस भाव नहीं दे रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि पार्टी को चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का उम्मीदवार पहले से घोषित करने की जल्दबाजी नहीं है। कांग्रेस मुख्यमंत्री के मुद्दे पर अपने सहयोगी दलों को विश्वास में लेकर ही आगे बढ़ेगी।
लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनावों की अलग-अलग रणनीति ?
कांग्रेस यह तर्क दे रही है कि लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के मुद्दे अलग होते हैं। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों में महाविकास आघाड़ी गठबंधन ने संयुक्त रैली की थी। शरद पवार, , उद्धव ठाकरे, नाना पटोले, बालासाहेब थोरात और पृथ्वीराज चव्हाण समेत सहयोगी दलों के वरिष्ठ नेताओं ने एक साथ शक्ति प्रदर्शन किया था। लेकिन विधानसभा चुनाव अलग रणनीति के तहत लड़े जाते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला काफी सोच-समझकर लेना होगा।
उद्धव ठाकरे की मांग
शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक सोची-समझी रणनीति के तहत मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने पर जोर दिया। लेकिन महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता उद्धव ठाकरे के इस प्रस्ताव पर पहले ही ठंडी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले और पृथ्वीराज चव्हाण पहले ही उद्धव ठाकरे की अपील को खारिज कर चुके हैं। कांग्रेस के साथ ही शरद पवार वाली एनसीपी को भी उद्धव की यह मांग पसंद नहीं आई है। उसने चुनाव बाद सीएम तय करने का इशाराल दिया है।
2019 की स्थिति
2019 में कांग्रेस ने महाराष्ट्र की 147 सीटों पर चुनाव लड़ा और 43 सीटें जीतीं, जबकि अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 121 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 54 सीटें जीतने में सफल हुई थी। उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के साथ मिलकर गठबंधन में चुनाव लड़ा था और 124 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। जिसमें से 56 सीटे जीतने में सफल रहे थे। बीजेपी 164 पर चुनाव लड़ी थी और 105 सीटों पर जीत हासिल की थी।