भारतीय जनता पार्टी नेताओं द्वारा महापुरुषों को लेकर दिए गए अपमानजनक बयानों के विरोध में 17 दिसंबर को महाविकास आघाड़ी ने महामोर्चा निकाला। लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण इस मोर्चे में शामिल नहीं हुए। इस बात पर राजनीतिक हलकों में चर्चा गरम हो गई है।
यह मोर्चा मुंबई के भायखला से शुरू हुआ। इसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस, उद्धव गुट सहित महाविकास आघाड़ी के लगभग सभी बड़े नेताओं ने शिरकत की। लेकिन, अशोक चव्हाण की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बन गई है। उन्होंने ट्विटर पर बताया कि वे महामोर्चा में हिस्सा क्यों नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि मैं 17 दिसंबर को महाविकास आघाड़ी के महामोर्चा का पूर्ण समर्थन करता हूं। लेकिन नांदेड़ में एक करीबी परिवार के सदस्य की पूर्व नियोजित शादी के कारण मैं मार्च में भाग नहीं ले पा रहा हूं। पूर्व विधायक अमिता चव्हाण वहां मौजूद रहेंगी। कृपया तथ्यों पर ध्यान दें!’
सच्चाई क्या है?
कांग्रेस नेताओं का मानना है कि अशोक चव्हाण अपनी पत्नी अमिता चव्हाण को करीबी रिश्तेदारों की शादी में भेजकर इस मोर्चा में शामिल हो सकते थे। सूत्रों के अनुसार, राज्य के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने फोन पर चव्हाण से संपर्क किया और उनसे मोर्चे में शामिल होने का आग्रह किया। लेकिन, उन्होंने साफ इनकार कर दिया।
भाजपा से बढ़ीं नजदीकियां?
भाजपा के साथ अशोक चव्हाण की बढ़ती नजदीकियों के कारण वे महाविकास आघाड़ी के मोर्चे में शामिल नहीं हुए।
पहले भी अशोक चव्हाण की बीजेपी से नजदीकियों की खबरें सामने आ चुकी हैं। महामोर्चा में शामिल नहीं होने पर एक बार फिर यह चर्चा गरम हो गई है।