Veer Savarkar: कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव के इस बयान का विरोध शुरू हो गया है कि विनायक दामोदर सावरकर गोहत्या के खिलाफ नहीं थे और वह स्वयं गोमांस का सेवन करते थे। स्वातंत्र्यवीर सावरकर के पोते और स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर ने उनके इस बयान का कड़ा विरोध किया है और उनके खिलाफ न्यायालय में जाने की बात कही है।
रणजीत सावरकर नेदिनेश गुंडू राव के बयान का विरोध करते हुए कहा कि उनका बयान बिलकुल झूठा है। यह कांग्रेस की नीति रही है- बार-बार स्वातंत्र्यवीर सावरकर पर लांछन लगाना। खास तौर पर तब, जब चुनाव आते हैं तो वे इस तरह के विवाद पैदा करते हैं, ताकि इसका लाभ उन्हें मिल सके।
राहुल गांधी के इशारे पर कांग्रेस नेता दे रहे हैं विवादास्पद बयान
रणजीत सावरकर ने कहा कि पहले राहुल गांधी ऐसा कर रहे थे। अब पुणे और नासिक में राहुल गांधी के खिलाफ समन जारी किया गया है। इसलिए, राहुल गांधी सावरकर पर बयान देने से बच रहे हैं लेकिन अब उनके नेता बयान दे रहे हैं। तो, सबसे पहले वे खुलकर सामने आए हैं कि सावरकर ब्राह्मण थे और गांधी गैर-ब्राह्मण थे। कांग्रेस ने अपना असली चेहरा अब दिखा दिया है कि कांग्रेस हिंदू समाज को जातियों के बीच बांटकर चुनाव जीतना चाहती है। फूट डालों राज करो, यह अंग्रेजों की नीति थी, जिस पर कांग्रेस चल रही है।
आरोप पूरी तरह झूठ
वीर सावरकर के पोते रणजीत सावरकर ने कहा,” अगर सावरकर पर यह आरोप कि वे गोमांस खाते थे और वे इसका समर्थन करते थे तो यह पूरी तरह से झूठ है। मराठी में उनका मूल लेख था- गौ पालन हवे, गौ पूजन नको! उनका कहना था कि गाय बहुत उपयोगी पशु है। इसलिए उसे माता का दर्जा दिया गया है। वो कहते थे कि ये काफी नहीं है, आपको गायों की रक्षा करनी है, और सिर्फ गायों की रक्षा ही नहीं करनी है, आपको वैज्ञानिक रूप से शोध करना है, क्योंकि ये समाज के लिए उपयोगी है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि वे गौ रक्षा अधिवेशन के अध्यक्ष भी थे। लेख के शीर्षक में साफ लिखा गया है गो पालन हवे, इसका मतलब है गायों की रक्षा होनी चाहिए।”
गायों की रक्षा की बात करने वाले सावरकर गो वध का नहीं कर सकते समर्थन
रणजीत सावरकर ने आगे कहा,” पहली बात जो गायों की रक्षा की मांग कर रहा है, वो गायों के वध के पक्ष में कैसे होगा? दूसरी बात, वो आदमी जो भी हो, मैं उसके खिलाफ मानहानि का मुकदमा करने जा रहा हूं। कांग्रेस ने हमेशा भारत में क्रांतिकारी आंदोलन के इतिहास को दबाने का षड्यंत्र किया है।”
ऐतिहासिक महत्व
रणजीत सावरकर ने कहा,” दूसरी बात, इसका ऐतिहासिक महत्व भी है। अतीत में जब सेना भारत पर आक्रमण करती थी, विदेशी आक्रांता उनके सामने गायों के झुंड को कर देते थे। क्योंकि उनके सामने गायें होती थीं, हमारे सैनिक हथियार नहीं उठाते थे और वे पराजित हो जाते थे। तो सावरकर ने कहा कि कुछ गायों को बचाने के लिए आपने साम्राज्य खो दिया और साम्राज्य खोकर आप अब गुलाम बन गए। आपने कुछ गायों को बचा लिया लेकिन उसी कारण आज लाखों गोहत्याएं हो रहीं हैं। यह उनका कथन था।”
जेल नहीं महल में भेजे जाते थे कांग्रेस नेता
रणजीत सावरकर ने कहा, “वो कह रहे हैं कि अगर हमें स्वतंत्रता बिना किसी लड़ाई के, बिना एक बूंद खून के और गांधी और मुसलमानों की वजह से मिली है। इसलिए मुसलमानों को सत्ता में होना चाहिए। लेकिन लोग समझ रहे हैं कि जब भी मुसलमानों और कांग्रेस नेताओं को जेल भेजा गया, वो वास्तव में जेल नहीं थी, वो महल में भेजे जाते थे। अहमदनगर में किला एक महल था, गांधी को महल में रखा गया था, जबकि सावरकर और अन्य बंदियों को अंडमान भेजा गया था, जहां उन्हें तेल निकालने के लिए कोल्हू खींचने के लिए मजबूर किया गया था। अब लोग इस सच्चाई को महसूस कर रहे हैं। इस कारण अब वे घबरा रहे हैं। इसलिए वे इस तरह की बातें कर भ्रम फैलाने का षड्यंत्र कर रहे हैं।