हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार (Shanta Kumar) ने कहा बिहार सरकार ने लगभग पांच सौ करोड़ रुपये खर्च कर जाति आधारित जनगणना (caste based census) पूरी कर ली। उसकी रिपोर्ट भी जारी हो गई। देश के सामने इससे एक बहुत बड़ा संकट खड़ा हो रहा है, जो काम अंग्रेज (British) न कर सके उसे अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) कर रहे हैं।
1931 में पहली बार हुई जाति आधारित जनगणना
शान्ता कुमार ने 04अक्टूबर को एक बयान जारी कर कहा कि वर्ष 1857 के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम से अंग्रेज सरकार पूरी तरह से टूट गई थी। अंग्रेजों ने लोगों पर अत्याचार किये और हजारों देशभक्तों को काला पानी की जेल में डाल दिया। उसके बाद अंग्रेजों ने दो निर्णय किये। भारत पर हमेशा राज्य करने के लिए हिन्दू मुस्लिम के नाम पर लोगों को लड़ाना और जातियों के आधार पर देश को बांटना। वे भारत को इस प्रकार बांटना चाहते थे कि फिर कभी आजादी की बात न कर सके। शान्ता कुमार ने कहा कि इसके खिलाफ देश खड़ा हुआ। गांधीजी के नेतृत्व में इसका प्रबल विरोध हुआ। वर्ष 1931 में पहली बार जाति आधारित जनगणना की गई। परन्तु प्रबल विरोध के कारण उसका परिणाम कभी देश को नहीं बताया गया, लेकिन अंग्रेज धर्म के नाम पर पाकिस्तान बनाने में सफल हो गये। उन्होंने कहा कि कर्नाटक ने भी एक बार जाति आधारित जन गणना करवाई थी, परन्तु प्रबल विरोध के कारण उसका परिणाम कभी देश को नहीं बताया गया।
राजनीति केवल कुर्सी और सत्ता के लिए
पूर्व मुख्यमंत्री कुमार ने कहा कि देश में हजारों जातियां हैं और लाखों उप-जातियां हैं। इतिहास साक्षी है कि इस प्रकार देश के बंट जाने के कारण ही भारत गुलाम हुआ और सदियों की गुलामी में सिसकता रहा। उन्होंने कहा इससे बड़ा देश का दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि जातियों के नाम पर अंग्रेज भारत को बांटने में सफल नहीं हुए। आज वहीं काम अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कांग्रेस (Congress) कर रही है। शान्ता कुमार ने कहा कि अंग्रेजों के इस षड़यंत्र में गांधी और पण्डित नेहरू ने भी विरोध किया, लेकिन आज उसी का समर्थन राहुल गांधी और कांग्रेस कर रही है। इतिहास में यह लिखा जाएगा कि गुलाम भारत की राजनीति देश के लिए थी, लेकिन आजाद भारत की राजनीति केवल कुर्सी और सत्ता के लिए है।
जातियां राष्ट्र विरोधी हैं
उन्होंने कहा कि संविधान सभा में डाॅ. अम्बेडकर ने एक ऐतिहासिक भाषण में कहा था कि- ”भारत में जातियां राष्ट्र विरोधी हैं। परस्पर ईष्याद्वेश बढ़ाती हैं, यदि एक राष्ट्र बनाना है तो जातियों को समाप्त करना होगा।“ कुमार ने कहा कि गांधी और डाॅ अम्बेडकर की माला जपने वाली राजनैतिक पाटियां केवल सत्ता के लिए हैं। वे आज क्या कर रही हैं। इसके लिए इतिहास उन्हें कभी क्षमा नहीं करेगा।
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