उत्तर प्रदेश में सप्त वचनी… क्या ‘हाथ’ साध लेगा आधी आबादी?

कांग्रेस उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी के माध्यम से अपनी खोई शक्ति को प्राप्त करना चाहती है।

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राज्य में कांग्रेस की परिस्थिति ठीक नहीं है, ब्राम्हण चेहरा माने जानेवाले जितिन प्रसाद साथ छोड़ चुके हैं, नेता के रूप में प्रमोद तिवारी पूरे पूर्वांचल में चेहरा नहीं बन पाए हैं। उधर सलमान खुर्शीद का रुतबा लखनऊ के लिए भी नाकाफी है। इस परिस्थिति में साख बचाने को गांधी परिवार की पुत्री प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश में मां-बहनों के बीच सात प्रतिज्ञा लेकर पहुंची हैं।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का पदार्पण इस चुनाव में राज्य की आधी आबादी का समर्थन प्राप्त करने के लिए है। इस आधी आबादी के लिए प्रियंका सात वचन लेकर पहुंची हैं। खेतों में खाना, माई बहिनी से भेंट और चर्चा के माध्यम से कांग्रेस अपने सात वचनों को महिला मतदाताओं के दिल में उतारने के प्रयत्न में हैं।

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सात वचन ही क्यों और कौन-कौन से?
सात वचन प्रत्येक महिला के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ होता है, इन्हीं सात वचनों के साथ लिये फेरे से बंधकर वह ससुराल पहुंचती है। कांग्रेस इस मर्म की डोर में अपनी राजनीति साधना चाहती है। इसके लिए वह जनम-जनम का साथ नहीं बल्कि महिला वोट कांग्रेस के हाथ लाने के प्रयत्न में लगी हुई है। जिसके लिए उसकी सात प्रतिज्ञा या सात वचन इस प्रकार हैं…

  1. पहला वचन – महिलाओं को विधान सभा उम्मीदवारी में 40 प्रतिशत स्थान
  2. दूसरा वचन – युवतियों को देंगे स्मार्टफोन और स्कूटी
  3. तीसरा वचन – किसानों का कर्ज होगा माफ
  4. चौथा वचन – 20 लाख सरकारी नौकरी
  5. पांचवा वचन – बिजली बिल आधा माफ
  6. छठवां वचन – परिवारों को 25 हजार रुपए की आर्थिक सहायता
  7. सातवा वचन – 25 सौ में गेहूं/धान और 400 रुपए में गन्ने की होगी खरीद

दस दिनों तक प्रतिज्ञा यात्रा
प्रियंका गांधी बाराबंकी में प्रतिज्ञा यात्रा को हरी झंडी दिखाने पहुंची थीं। यहां उन्होंने महिलाओं से बातचीत की और घोषणा की है कि उनके लिए अलग घोषणा पत्र जारी करेंगे। राज्य में 10 दिन तक प्रतिज्ञा यात्रा चलेगी।

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