प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 7 फरवरी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘डबल इंजन’ सरकार के विकास कार्यों का उल्लेख करते हुये कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव उत्तराखंड बनाने वालों और इसके निर्माण को रोकने की साजिश रचने वाली ‘डबल ब्रेक’ कांग्रेस के बीच है। उन्होंने भाजपा के लिये लोगों से मतदान की अपील करते हुये कहा कि आपको सावधान रहने की जरूरत है और कांग्रेस को दोबारा मौका न दें।
प्रधानमंत्री ने 7 फरवरी को वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से हरिद्वार में आयोजित भाजपा की विजय संकल्प सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड की पारखी जनता जानती है कि ये चुनाव उत्तराखंड राज्य का सपना पूरा करने वाले और उत्तराखंड के निर्माण को छल-साजिश से रोकने वालों के बीच में है। एक ओर भारतीय जनता पार्टी है, जिसने अपनी सरकार में आने के तुरंत बाद अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य बनाया। दूसरी ओर, वो लोग हैं, जिन्होंने उत्तराखंड के निर्माण को रोकने के लिए हर संभव षड्यंत्र किया, जितने हो सकते थे रोड़े अटकाए।”
चुनाव प्रचार की खास बातेंः
-प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर हमला करते हुये कहा कि कांग्रेस ने उत्तराखंड में विकास को अवरुद्ध कर दिया क्योंकि यह उसके विरोध के बावजूद बनाया गया था। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हमारे लिए तो देवभूमि है लेकिन ये लोग उत्तराखंड को अपनी तिजोरी समझते हैं। राज्य की प्राकृतिक सम्पदा और संसाधन को ये लोग लूटते रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो खुद तो कुछ अच्छा नहीं करना चाहते और कोई दूसरा अच्छा काम कर दे तो उनके पेट में दर्द होने लगता है। उत्तराखंड को लेकर कांग्रेस पार्टी का यही रवैया रहा है। इनकी इच्छा के खिलाफ उत्तराखंड बन गया, तो ये आज तक उससे अपनी भड़ास निकाल रहे हैं।
-प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार आने से चीजें कैसे बदलती हैं, विकास पर लगे हुये ब्रेक कैसे हटते हैं, इसका बहुत बड़ा उदाहरण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम एक दशक पहले शुरू होना था। लेकिन पिछली ब्रेक वाली सरकार ब्रेक पर ब्रेक लगाती रही। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार सीमावर्ती गांवों में प्राथमिकता के आधार पर विकास कर रही है। इस बजट में भी वाइब्रेंट विलेज नाम से एक योजना का ऐलान किया गया है। इस योजना के तहत सीमावर्ती गांवों में संसाधन और सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी ताकि वहां पर्यटन भी बढ़े।
-प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली-देहरादून हाइवे का काम भी साल 2000 में शुरू हुआ था, जब ये राज्य बना था। लेकिन कांग्रेस सरकार ने उसे लटकाकर छोड़ दिया। उप्र से क्लियरेंस न मिलने का बहाना बनाया गया, जबकि केंद्र में इनकी और उप्र में इनके भागीदारों की सरकार थी। विकास कार्यों में भेदभाव को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए उत्तराखंड का विकास, यहां की सेवा पुण्य का काम है। इसलिए, हम उत्तराखंड और हरिद्वार के लिए पवित्र मन से काम करते हैं, जबकि वो अपने ‘घर-द्वार’ और परिवार के लिए काम करते हैं।
-कांग्रेस सरकार में गंगा को नहर घोषित करने को लेकर निशाना साधते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता कि दुनिया की सबसे विख्यात नदियों में से एक गंगा को कोई नहर घोषित कर दे, ताकि खनन और लूट माफ़िया अपना खेल-खेल सकें। दरअसल 2016 में तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने हर की पैड़ी से बह रही गंगा को गंगा स्केप चैनल घोषित कर दिया था।
-कांग्रेस नेता के मुस्लिम विश्वविद्यालय संबंधी बयान के संबंध में प्रधानमंत्री ने कहा कि पवित्र देवभूमि में अब तुष्टीकरण का जहर घोलने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता यूनिवर्सिटी के नाम पर जो तुष्टिकरण कर रहे हैं, वो उत्तराखंड के लोगों की आंख खोलने के लिए काफी है।
-कांग्रेस द्वारा उत्तराखंड में भाजपा के पांच साल में तीन मुख्यमंत्री देने को प्रमुख मुद्दा बनाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन्होंने दशकों तक पहाड़ों के लिए एक काम नहीं किया, वो अब नए-नए नारे लेकर आ रहे हैं। अगर इन्होंने पहले हमारे चार धामों की सुध ले ली होती, तो उत्तराखंड के पर्यटन और प्रगति के रास्ते खुल जाते न कि लोगों को पलायन करना पड़ता।
-प्रधानमंत्री ने कह कि इस बार के बजट में केंद्र सरकार ने उत्तराखंड जैसे राज्यों के लिए ‘पर्वतमाला परियोजना’ की घोषणा की है। इससे पहाड़ों पर विकास के नए युग का आरंभ होने जा रहा है। आने वाले समय में यहां पर्यटन बढ़ेगा, रोजगार बढ़ेगा, और युवा अपने सपनों को पूरा कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की स्थापना को 21 साल हुये हैं। 21 साल का हमारा युवा उत्तराखंड वैसे ही नौजवान और बड़े सपने लेकर आगे बढ़ रहा है। अगले 3-4 साल बाद उत्तराखंड अपने 25 साल पूरे करेगा।
-प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत देश के पहले चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देकर की। उन्होंने कहा कि वह हर उस वीर को नमन करते हैं जिन्होंने उत्तराखंड की धरती से प्रेरणा लेकर देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
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