हिमाचल में परिवर्तन का सिलसिला बदस्तूर जारी है, यहां हर पांच साल में सरकार का बदलना तय रहता है। उसी हिसाब से इस बार भी विधानसभा के परिणाम आए हैं। इस बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है और भाजपा को हार का मुह देखना पड़ा। कांग्रेस ने हिमाचल फतेह तो कर लिया, लेकिन उसके सामने अब सबसे बड़ी चुनौती आई है। यहां अब वह किसे मुख्यमंत्री बनाए यह उसके लिए आसान काम नहीं है। वह ऐसे व्यक्ति को इस बार हिमाचल की कमान सौंपना चाहती है, जो गर्त में जा रही कांग्रेस को कम से कम हिमाचल प्रदेश में उठाने का काम करे। मुख्यमंत्री की रेस में कई नाम शामिल हैं। यहां किसके सिर पर मुख्यमंत्री का ताज सजेगा यह तो वक्त ही बताएगा।
इन नामों की चर्चा
सूत्रों की मानें तो इस बार मुख्यमंत्री की रेस में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रमुख और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह सबसे आगे चल रही हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी दावेदारी भी पेश कर दी है। उन्होंने कहा कि देखा जाए तो इस बार विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी, इसके लिए हमने वीरभद्र सिंह जी का कार्ड खेला और उसमें हमें सफलता भी मिली। हमने उनके ही नाम और काम पर वोट मांगे और हमें जनता ने दिया भी। क्योंकि जनता को आज भी विश्वास है कि यह परिवार लंबे समय तक हम लोगों की सेवा की है। इसके लिए इस परिवार को फिर मौका देना चाहिए। यह परिवार उसी तरह (वीरभद्र सिंह की तरह) ही अपना फर्ज निभाएगा। प्रतिभा सिंह के अलावा मुख्यमंत्री की रेस में प्रतिभा सिंह के बेट और शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह, नदौन से विधायक और वरिष्ठ नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू, हरोली के विधायक मुकेश अग्निहोत्री सबसे आगे हैं। इसके साथ ही आशा कुमारी और कौल सिंह ठाकुर भी इस रेस में शामिल हैं।