उप्र में अंतिम चरण का मतदानः दांव पर कांग्रेस की प्रतिष्ठा! जानें, कहां क्या है हाल

उत्तर प्रदेश में अंतिम चरण का मतदान होना है। अभी तक के मतदान को देखें तो कांग्रेस को कोई खास सफलता मिलती नहीं दिख रही है, लेकिन उसे अंतिम चरण से विशेष उम्मीद है।

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उतर प्रदेश चुनाव सातवें और अंतिम चरण में पहुंच चुका है। 7 मार्च को 9 जिलों की 54 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। कभी कांग्रेस का दुर्ग समझे जाने वाले पूर्वाचंल में कांग्रेस पार्टी को वोटो के लाले पड़े हुए हैं। मिर्जापुर से चुनाव जीतकर बतौर उत्तर प्रदेश के मुख्यमत्री पूर्वाचंल में विकास की गाथा लिख चुके कमलापति त्रिपाठी की विरासत खंडहर हो चुकी है। पार्टी के एक मात्र विधायक अजय कुमार लल्लू कुशीनगर की तमकुही राज सीट से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं ।

लल्लू का भरोसा
मोदी लहर और योगी के गढ़ पूर्वांचल में काग्रेस का झंडा बुलंद रखने वाले एक मात्र विधायक अजय कुमार लल्लू हैं।अजय कुमार अपने क्षेत्र में दलित , पिछड़ों शोषित वंचित लोगों की समस्या और बाढ़ की समस्या के लिए बार –बार धरने पर बैठते रहे हैं । इसलिए वो धरना कुमार के नाम से जाने  जाते हैं।

पूर्वांचल में बचा पाएगी सम्मान?
करीब आधा दर्जन सीटों पर कांग्रेस को जीत की उम्मीद है। इनमें देवरिया जिलें की रूद्रपुर सीट पर अखिलेश प्रताप सिंह , महाराजगंज की फरेंदा सीट पर बिरेन्द्र चौधरी ,इटवा सीट पर अरशद खुर्शीद , सोहरत गढ़ सीट पर पप्पू चौधरी चुनाव मैदान में हैं।

पूर्वांचल में बड़े- बड़े नेताओं ने किया किनारा
पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने चुनाव से पहले कांग्रेस को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। इसके बाद स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने पार्टी छोड़ दी। कांग्रेस के बड़े नेता जगदंबिका पाल पहले ही 2014 में कांग्रेस पार्टी छोडकर भाजपा में शामिल हो गए थे । गोरखपुर से बड़े नाम डॉ. संजयन और काजल निषाद पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं ।

लड़की हूं लड़ सकती हूं, का सच
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने नारा तो दिया कि लड़की हूं, लड़ सकती हूं। साथ ही महिलाओं को टिकट भी थोक में बांटे  हैं लेकिन उन राज्यों में कांग्रेस सत्ता में है, उनमें पार्टी ने इस फार्मूले को लागू नहीं किया। ऐसे में उत्तर प्रदेश की जनता उनके नारे पर कैसे भरोसा करेगी, ये बड़ा सवाल है ।

2012 और 2017 चुनावों में कांग्रेस का सूपड़ा साफ
2017 में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों ने 36 सीटें जीती थीं। भाजपा को 29 , अपना दल एस को 4 ,सुभासका को 3 सीटें मिली थीं , वहीं सपा ने 11 , बसपा ने 6 सीटे और निषाद पार्टी ने एक सीट जीती थी । वर्ष 2012 में 54 सीटों में से सपा ने 34 सीटे जीती थीं। भाजपा ने बनारस की 3 सीटें और जौनपुर की 1 सीट और बीएसी ने 7 सीटें जीती थीं।

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