इन युवाओं की बदौलत कांग्रेस कर रही है अपनी खोई हुई जमीन पाने की कोशिश! क्या मिलेगी कामयाबी?

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दिन प्रतिदिन कमजोर होती जा रही कांग्रेस युवाओं के साथ ही जातीय समीकरण साधकर अपनी जमीन मजबूत करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए वह पार्टी में बड़े बदलाव करने की कोशिश कर रही है। पार्टी की नजर पांच राज्यों में 2022 में होने वाले चुनावों के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी है।

पार्टी की सबसे बड़ी परेशानी कमजोर संगठन है। इसके साथ ही पार्टी का जातीय समीकरण भी बिखरा हुआ है। इसलिए पंजाब में पार्टी ने दलित चेहरा चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाकर दलितों को आकर्षित करने की कोशिश की है।

युवाओं पर नजर
कांग्रेस की कोशिश पार्टी के साथ अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ने की है। उसकी नजर ऐसे युवकों पर विशेष रुप से है, जो आंदोलन और संघर्ष से आगे आए हैं। कन्हैया कुमार, जिग्नेश मेवाणी, हार्दिक पटेल और प्रशांत किशोर ऐसे ही युवक हैं।

प्रशांत किशोर
चुनाव रणनीतिकार के रुप में देश भर में मशहूर प्रशांत किशोर का कांग्रेस में शामिल होना तय माना जा रहा है। पार्टी को उनमें बड़ी संभावनाएं दिख रही हैं। कांग्रेस को उनसे जहां चुनावी रणनीति बनाने में मदद मिलेगी, वहीं संगठन को मजबूत करने में भी उनकी अहम भूमिका हो सकती है। हालांकि उन्होंने अगले साल होने वाले पांच राज्यों के चुनाव से खुद को अलग कर लिया है लेकिन राजनीति के जानकारों का मानना है कि कांग्रेस की चुनावी रणनीति में उनका प्रभाव देखा जा सकेगा।

कन्हैया कुमार
कन्हैया कुमार बिहार के बेगूसराय के रहने वाले हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में वे भारतीय जनता पार्टी के गिरिराज सिंह से चुनाव हार गए थे। इस क्षेत्र में भूमिहार मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है और कन्हैया भी इसी समुदाय से आते हैं। हालांकि अब तक कन्हैया कुमार राजनीति मे अपनी जमीन तैयार नहीं कर पाए हैं लेकिन कांग्रेस का मानना है कि भविष्य में वे एक सुलझे हुए नेता बन सकते हैं। इसके साथ ही उसे बिहार में पार्टी को मजबूत करने कि लिए कन्हैया जैसे युवाओं की जरुरत है।

जिग्नेश मेवाणी
जिग्नेश मेवाणी भारतीय जनता पार्टी के कट्टर विरोधी हैं और वे हमेशा उसकी विचारधाराओं के विरोधी रहे हैं। गुजरात में सात प्रतिशत मतदाता दलित हैं और जिग्नेश इसी समुदाय से आते हैं। इस स्थिति में कांग्रेस को उनके पार्टी में आने का फायदा मिलना तय है। वैसै भी गुजरात में सात प्रतिशत यानी 13 सीटें दलितों के लिए आरक्षित हैं। मेवाणी के कांग्रेस में आने पर पार्टी की तस्वीर बदल सकती है।

हार्दिक पटेल
हार्दिक गुजरात से आते हैं और वे पाटीदार समुदाय से संबंध रखते हैं। वहां पाटीदार समुदाय करीब 14 प्रतिशत है और यह समुदाय विधानसभा तथा लोकसभा की एक चौथाई सीटों पर जीत-हार का फैसला करता है। हार्दिक कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं। हालांकि अभी तक उनके पार्टी में आने का कांग्रेस को कोई बहुत ज्यादा लाभ नहीं मिला है लेकिन उनके पास वक्त है और भविष्य में वे कांग्रेस के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

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