मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि भारत में आज के दिन लोकतंत्र की हत्या की गई, आपातकाल लगाकर लोकतंत्र का गला घोंटा गया। यह काला अध्याय आज भी इतिहास के पन्नों पर दर्ज है। जब-जब इस देश में क्रूरता का काला इतिहास लिखा जाएगा, तब-तब मुगलों, अंग्रेजों के साथ दमनकारी कांग्रेस का नाम भी लिखा जाएगा।
देश को बनाया जेलखाना
विष्णुदत्त शर्मा रविवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित पत्रकार-वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आपातकाल की क्रूरता के खिलाफ आवाज उठाने वालों को सलाखों के पीछे बंद कर देश को जेल खाना बना दिया और यह सब सिर्फ इसलिए किया गया, ताकि परिवारवाद की पोषित कांग्रेस पार्टी के हाथ में सत्ता अगली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित हो। ऐसा करने के लिए इंदिरा गांधी ने आपातकाल की बिसात रची, जिस पर संजय गांधी मामा शकुनी की भांति पांसे फेंक रहे थे। वर्षों से चली आ रही पारिवारिक सत्ता के क्षय का डर इस हद तक था कि पूरे लोकतंत्र का गला घोंटने में जरा भी देर नहीं की।
आपातकाल का जवाब दें राहुल
उन्होंने कहा कि मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की दुहाई देकर विदेशों में भारत को बदनाम करने का जो कुचक्र आप चला रहे हैं, आपको जवाब देना चाहिए कि आपके पुरखों ने इस देश को आपातकाल की आग में क्यों झोंक दिया था? जनता की आवाज उठाने वालों को जेल की काल-कोठरी में क्यों ठूंस दिया था? देश के लोगों के मौलिक अधिकारों को क्यों कुचल दिया था? मैं राहुल गांधी और कांग्रेसियों से पूछना चाहता हूं कि 21 महीनों में 11 लाख लोगों को जेल में डालकर कांग्रेस किस तरह की जनसेवा करने में लगी थी?
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शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या करने में इंदिरा गांधी व उनके बेटे संजय गांधी ने जो भूमिका निभाई थी, दुर्भाग्य है उसमें मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी प्रमुख किरदारों में से एक थे। आज मप्र की जनता कमलनाथ से पूछना चाहती है कि आपकी भूमिका देश के लोकतंत्र की हत्या करने वाले किन किरदारों में थी।
सत्ता लिप्सा में कांग्रेस के चरणों में लेटे हैं, जेपी-लोहिया के शिष्यः तरुण चुघ
पत्रकार वार्ता में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा कि आज आपातकाल का दिवस है। नेहरू-गांधी परिवार ने आपातकाल लगाकर देश में ग्रहण लगाने का काम किया। देश में 3800 अखबार बंद कर दिए गए, मीसा में पत्रकारों को जेलों में भेज दिया गया। पूरे देश को जेल बना दिया गया, लोकतंत्र को पंगु बनाकर गांधी-नेहरू परिवार ने इस देश के अंदर एक काला दौर दिया।
उन्होंने कहा कि इस आपातकाल के खिलाफ जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में देश में आंदोलन चला, पूरे देश के साथ लोहिया, जयप्रकाश नारायण के तथाकथित शिष्य ने भी शपथ ली कि कांग्रेस को समाप्त करेंगे लेकिन दुर्भाग्य है कि आज सत्ता-लिस्पा के खेल, मृग तृष्णा में फिर उसी गांधी-नेहरू अत्याचारी, परिवारवादी, भ्रष्टाचारी, वंशवादी परिवार की चरणों में लेट रहे हैं। यह आज के दिन की सबसे बड़ी विड़ंबना है कि जिन्होंने अपने छात्र जीवन में राजनीति की शुरूआत वंशवाद, भ्रष्टाचार, लोकतंत्र के हत्यारों को हटाने के लिए की, आज सत्ता की लिप्सा उन्हें पटना तक ले गई। आज पटना की उसी पवित्र धरती पर उसी परिवार के आगे नतमस्तक होकर देश के अंदर भ्रम पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं।
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