Constitution Day: ‘संविधान’ की पहली संस्कृत प्रति जारी, जानें राष्ट्रपति मुर्मू ने संसद में और क्या कहा

'संविधान दिवस' कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और अन्य प्रमुख नेताओं की मौजूदगी ने भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में इस अवसर के महत्व को दर्शाया।

38

Constitution Day: राष्ट्रपति (President) द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने 26 नवंबर (मंगलवार) को संविधान सदन (Constitution House) के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल (Historic Central Hall) में संसद (Parliament) के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित (Addressing the Joint Meeting) किया, जो भारत (India) के संविधान (Constitution) को अपनाने के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाले समारोह की शुरुआत थी।

‘संविधान दिवस’ कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और अन्य प्रमुख नेताओं की मौजूदगी ने भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में इस अवसर के महत्व को दर्शाया। गौरतलब है कि भारत 1949 में संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाता है।

राष्ट्रपति का संबोधन यहां देखें:

यह भी पढ़ें-  Pakistan: इमरान खान के समर्थक इस्लामाबाद में घुसे, चार रेंजर्स की मौत

संविधान की संस्कृत, मैथिली प्रतियों का विमोचन
राष्ट्रपति मुर्मू ने संस्कृत और मैथिली में संविधान के अनुवादित संस्करण भी जारी किए, और राष्ट्रपति की अगुआई में प्रस्तावना का औपचारिक वाचन भी हुआ। संविधान सदन में अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने समाज के सभी वर्गों, खासकर कमजोर वर्गों के उत्थान के उद्देश्य से सरकार की पहलों पर जोर दिया। उन्होंने गरीबों के लिए आवास उपलब्ध कराने और विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति का उल्लेख किया, जो समावेशी विकास और राष्ट्रीय प्रगति के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

यह भी पढ़ें- IPL Auction 2025: कौन हैं 13 साल की उम्र में करोड़पति बनने वाले वैभव सूर्यवंशी?

‘संविधान एक जीवंत और प्रगतिशील दस्तावेज है’
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय संविधान एक जीवंत और प्रगतिशील दस्तावेज है, जिसके माध्यम से देश ने सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लक्ष्यों को प्राप्त किया है। अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति ने इस दस्तावेज को तैयार करने में संविधान सभा की 15 महिला सदस्यों के योगदान को भी याद किया। “हमारा संविधान एक जीवंत और प्रगतिशील दस्तावेज है। हमारे संविधान के माध्यम से, हमने सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लक्ष्यों को प्राप्त किया है।” राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “महिला आरक्षण पर कानून ने हमारे लोकतंत्र में महिला सशक्तीकरण के नए युग की शुरुआत की है।”

यह भी पढ़ें- School recruitment scams: स्कूल भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई की बड़ी करवाई, पार्थ चटर्जी का करीबी गिरफ्तार

संविधान की विरासत से जुड़ने में सक्षम
इससे पहले सोमवार को सरकार ने घोषणा की कि नागरिकों को इंटरैक्टिव गतिविधियों और संसाधनों के माध्यम से संविधान की विरासत से जुड़ने में सक्षम बनाने के लिए एक नई वेबसाइट – https://constitution75.com – बनाई गई है। इसमें कहा गया है कि देश भर के स्कूलों, शहरों और गांवों में इसकी प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया जाएगा।

यह वीडियो भी देखें-

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.