छत्तीसगढ़ में अगले कुछ महीने में विधानसभा चुनाव होने है। इसके मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी के साथ ही कांग्रेस भी तैयारी में जुटी हुई है। इस बीच छत्तीसगढ़ में भी राजस्थान की तरह कांग्रेस में अंदरुनी कलह तेज होने के संकेत मिलने लगे हैं।
कांग्रेस के इन नेताओं ने बढ़ाईं पार्टी हाई कमान की मुश्किलें
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उन्होंने प्रदेश में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कहा है कि इस बारे में पार्टी हाई कमान फैसला करेगी। उनके साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार में मंत्री टीएस सिंहदेव के एक बयान ने भी कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। उन्होंने कहा है कि पहली बार चुनाव जीतना आसान होता है, लेकिन दूसरी बार जब हम लोगों के बीच वोट मांगने जाते हैं तो उन्हें अपनी सरकार के कामों के बारे में भी जानकारी देनी होती है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दावा
बता दें कि छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सभी कार्यक्रमों में ये दावा बड़े जोर-शोर से करते रहे हैं कि उनकी पार्टी की सरकार ने सभी वर्ग के लिए काम किया है। लेकिन उनकी ही पार्टी के नेताओं के बयानों से उनके दावों की हवा निकल जाती है।
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2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने किसी एक नेता को मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं घोषित किया था। वह पार्टी के चार नेताओं भूपेश बघेल, टीएएमएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू और चरणदास महंत को आगे कर चुनावी अखाड़े में उतरी थी।
10 मई को पार्टी प्रभारी की अहम बैठक
छत्तीसगढ़ की कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा 10 मई को रायपुर पहुंच रही हैं। दोपहर बाद राजधानी रायपुर पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ मंत्रियों की बैठक लेंगी । पार्टी सूत्रों के अनुसार बैठक में विधानसभा चुनाव को लेकर गहन चर्चा होगी। साथ ही ईडी के छापों को लेकर भी विचार -विमर्श किया जायेगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सप्तगिरी शंकर उल्का कोरापुट ओडिशा से जगदलपुर पहुंचेंगे और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करेंगे। इसके अलावा उल्का 11 मई को राजीव भवन में होने वाली महापौरों की बैठक में शामिल होंगे।
कांग्रेस की स्थिति
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार शहरी क्षेत्रों में पार्टी की स्थिति बहुत मजबूत नहीं है और पार्टी के कई मंत्रियों और विधायकों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। बैठक में इसे लेकर विशेष चर्चा होगी। प्रदेश में सत्ता और संगठन के आपसी सामंजस्य के साथ ही राजनीतिक हालातों पर चर्चा होगी। इसके अलावा विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति पर भी मंथन किया जाएगा। हालांकि बैठक में कांग्रेस के दो नेताओं मरकाम और सिंहदेव के बयानों की छाया पड़ने की पूरी उम्मीद है।