Conversion: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में 30 नवंबर को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास को गति देने के लिए 9 नई नीतियों के अनुमोदन, 7वें राज्य वित्त आयोग के गठन, बीकानेर और भरतपुर में विकास प्राधिकरणों के गठन के लिए अध्यादेश लाने, खेमराज समिति की सिफारिशों के अनुरूप राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम-2017 में संशोधन, विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन, द राजस्थान प्रोहेबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलिजन बिल 2024 लाने सहित प्रदेश के विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए।
उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा एवं विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने पत्रकार वार्ता में बताया कि राज्य में औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाने, प्रदेश को एक्सपोर्ट हब बनाने, स्थानीय पर्यटन, छोटे उद्योगों, स्थानीय शिल्प एवं कारीगरी, हथकरघा एवं एक जिला एक उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान एमएसएमई नीति, निर्यात संवर्द्धन नीति, एक जिला एक उत्पाद नीति, राजस्थान पर्यटन इकाई नीति एवं एकीकृत क्लस्टर विकास योजना को मंजूरी दी गई।
बल-छल पूर्वक धर्मान्तरण रोकने के लिए आएगा विधेयक
विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि प्रलोभन अथवा कपटपूर्वक धर्मान्तरण के प्रयासों को रोकने के लिए “दि राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल-2024“ विधानसभा में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी राज्य में अवैध रूप से धर्मान्तरण को रोकने के सम्बन्ध में कोई विशिष्ट कानून नहीं है, इसलिए मंत्रिमण्डल की बैठक में विचार कर इसके प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
उन्होंने बताया कि इस विधेयक के कानून बनने के उपरान्त कोई व्यक्ति या संस्था, किसी व्यक्ति पर मिथ्या निरूपण, कपटपूर्वक, बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव आदि का प्रयोग कर धर्म परिवर्तन नहीं करवा सकेंगे। अगर कोई व्यक्ति अथवा संस्था ऐसा कृत्य करते हैं, तो उन्हें कठोर दण्ड दिया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन कराने के उद्देश्य से विवाह करता है, तो पारिवारिक न्यायालय ऐसे विवाह को अमान्य घोषित कर सकता है। इस विधि में अपराध गैर-जमानती व संज्ञेय होंगे। उन्होंने कहा कि अन्य कई राज्यों में जबरन धर्मान्तरण को रोकने के लिए पहले से ही कानून अस्तित्व में है।
भरतपुर और बीकानेर विकास प्राधिकरणों के लिए आएंगे अध्यादेश
उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि कैबिनेट ने भरतपुर और बीकानेर में विकास प्राधिकरणों के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है, इनके गठन के लिए भरतपुर विकास प्राधिकरण अध्यादेश-2024 और बीकानेर विकास प्राधिकरण अध्यादेश-2024 लाए जाएंगे। इन शहरों में विकास प्राधिकरण बनने से यहां विकास सुव्यवस्थित और नियोजित ढंग से हो सकेगा।
उन्होंने बताया कि बीकानेर विकास प्राधिकरण में नगर विकास न्यास बीकानेर के वर्तमान क्षेत्र के अलावा नापासर व देशनोक तथा आस-पास के 185 गांव सम्मिलित किए जाएंगे। भरतपुर विकास प्राधिकरण में नगर विकास न्यास भरतपुर के वर्तमान क्षेत्र के साथ-साथ 209 गांव शामिल किए जाएंगे।
खेमराज समिति की सिफारिशों के अनुरूप वेतन विसंगतियों का निराकरण
डॉ. बैरवा ने बताया कि सेवानिवृत्त आईएएस खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में गठित कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति की वेतन विसंगति दूर करने, वेतन सुधारों तथा पदोन्नति के अतिरिक्त अवसर उपलब्ध कराने संबंधी सिफारिशों को मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है। उल्लेखनीय है कि वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वेतन विसंगतियों एवं वेतन सुधार सम्बन्धी सिफारिशों को दिनांक 1 सितम्बर, 2024 से लागू करने की घोषणा की थी।
एमएसएमई नीति-2024 से वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार होंगे छोटे उद्यम
विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि राजस्थान एमएसएमई नीति-2024 राज्य के एमएसएमई उद्यमों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाने में सहायक सिद्ध होगी। इसमें ऋण पर अतिरिक्त 2 प्रतिशत ब्याज अनुदान, एसएमई एक्सचेंज से धन जुटाने पर 15 लाख रुपए तक सहायता, एडवांस्ड टेक्नोलॉजी व सॉफ्टवेयर पर 50 प्रतिशत या 5 लाख रुपए तक अनुदान, क्वालिटी सर्टिफिकेशन व आईपीआर पर 3 लाख रुपए तक पुनर्भरण सहायता, विपणन हेतु आयोजनों में 1.5 लाख रुपए तक अनुदान, डिजिटल उपकरणों पर 50 हजार रुपए तक पुनर्भरण और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फीस पर 75 प्रतिशत या अधिकतम 50 हजार रुपए तक पुनर्भरण का प्रावधान है।
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उद्यमियों को निर्यातक बनने के लिए प्रोत्साहित करेगी निर्यात संवर्धन नीति
पटेल ने बताया कि राज्य सरकार की मंशा अगले 5 वर्षों में प्रदेश के निर्यात में 1.50 लाख करोड़ रुपए तक वृद्धि लाने की है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए आज अनुमोदित की गई राजस्थान निर्यात संवर्धन नीति-2024 में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं। मुख्यमंत्री निर्यात वृद्धि अभियान चला कर नये उद्यमियों को निर्यातक बनने हेतु प्रोत्साहित भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस नीति में निर्यातकों को दस्तावेजीकरण पर 50 प्रतिशत या 5 लाख रुपए तक सहायता, अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में भागीदारी पर 75 प्रतिशत या 3 लाख तक अनुदान, सर्टिफिकेशन पर 75 प्रतिशत पुनर्भरण (20 हजार रुपए प्रति शिपमेंट व 3 लाख तक प्रति वर्ष), तकनीकी अपग्रेडेशन पर 75 प्रतिशत या 50 लाख तक सहायता, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फीस पर 75 प्रतिशत या 2 लाख तक पुनर्भरण किया जाएगा।
विशिष्ट उत्पादों और शिल्पों को बढ़ावा देने के लिए एक जिला एक उत्पाद नीति
पटेल ने बताया कि जिलों के विशिष्ट उत्पादों और शिल्पों को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान एक जिला एक उत्पाद नीति-2024 को स्वीकृति प्रदान की गई है। ओडीओपी नीति के अमल में आने से जिलों की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही कारीगरों, शिल्पकारों, कृषकों और निर्माताओं की आय भी बढ़ेगी। इस नीति में नवीन सूक्ष्म उद्यमों को 25 प्रतिशत या अधिकतम 15 लाख रुपए एवं लघु उद्यमों को 15 प्रतिशत या अधिकतम 20 लाख रुपये तक मार्जिन मनी अनुदान सहायता दी जायेगी। ओडीओपी नीति में सूक्ष्म व लघु उद्यमों को एडवांस्ड टेक्नोलॉजी व सॉफ्टवेयर पर 50 प्रतिशत या 5 लाख रुपये तक अनुदान, क्वालिटी सर्टिफिकेशन व आईपीआर पर 75 प्रतिशत या 3 लाख रुपए तक पुनर्भरण, विपणन आयोजनों में भाग लेने के लिए 2 लाख रुपये तक सहायता, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फीस पर 75 प्रतिशत या 1 लाख रुपए प्रतिवर्ष का 2 साल तक पुनर्भरण और कैटलॉगिंग व ई-कॉमर्स वेबसाइट विकास के लिए 60 प्रतिशत या 75 हजार रुपए तक एकमुश्त सहायता दी जाएगी।