उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 की मतगणना जारी है। परिणाम को लेकर लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। जैसे-जैसे रुझान आने लगे हैं, सभी की धड़कनें भी बढ़ रही हैं। हालांकि, सभी राजनीतिक दल अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। लेकिन, सुबह से लोगों की नजर कुछेक खास सीटों पर टिकी हैं।
प्रदेश की सभी 70 विधानसभा सीटों पर सुबह आठ बजे से मतगणना का काम शुरू हो गया है। सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गणना की गई। पोस्टल बैलेट की गणना के बाद ईवीएम को खोला गया है। ईवीएम खुलने के साथ ही 14 फरवरी से उम्मीदवारों की बंद किस्मत का फैसला हो रहा है। पिछले करीब एक महीने से अलग-अलग सीटों को लेकर राजनीतिक पंडित अनुमान लगा रहे हैं। इनमें हॉट सीटों को लेकर खूब चर्चा हुई।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बनाएंगे हैट्रिक
पिछले चुनाव तक खटीमा विधानसभा सीट सामान्य सीट थी। लेकिन इस बार यह सबसे हॉट सीटों में से एक है। क्योंकि वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी लगातार दो बार यहां से चुनाव जीत चुके हैं। इस बार उनके पास जीत की हैट्रिक लगाने का अच्छा अवसर है। यदि वे ऐसा कर पाते हैं और भाजपा को पूर्ण बहुमत मिल जाता है तो दोबारा मुख्यमंत्री बनकर वे इतिहास रच देंगे। इस सीट पर दो युवाओं के बीच ही टक्कर देखने को मिल रही है। कांग्रेस ने यहां से भुवन कापड़ी को मैदान में उतारा है। वे पार्टी के युवा नेता एवं प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। उनके प्रचार के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा भी अंतिम दिनों में आईं थीं।
दो मुख्यमंत्री पहले हार चुके हैं चुनाव
इसके पहले 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत और 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी अपना चुनाव हार चुके हैं। इसलिए मुख्यमंत्री धामी की धड़कने तेज होना स्वभाविक है। हालांकि वे अपनी और अपनी पार्टी की जीत का दावा लगातार करते आ रहे हैं। वे कहते हैं,‘मुझे अपनी सीटों पर कोई भ्रम नहीं है। क्योंकि खटीमा में भाजपा कार्यकर्ता और वहां की जनता चुनाव लड़ रही है। इसी तरह प्रदेश में भी हम 60 सीट से ज्यादा जीत रहे हैं।‘
लालकुआं
दूसरी सबसे हॉट विधानसभा सीट है, लालकुआं। यह नैनीताल जिले की सबसे हॉट सीट है। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने उन्हें पहले रामनगर से टिकट दिया था। लेकिन पार्टी में ही विरोध होने के कारण तीसरी सूची में उनका सीट बदलकर लालकुआं कर दिया गया।
दांव पर हरीश रावत की प्रतिष्ठा
हरीश रावत पिछला चुनाव मुख्यमंत्री रहते हुए दो सीटों (हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा) से हारने का रिकॉर्ड बना चुके हैं। इसलिए उनके सामने भी जीत किसी चुनौती से कम नहीं है। उनके सामने भाजपा ने अपने सिटिंग विधायक नवीन दुम्का की बजाय मोहन बिष्ट पर भरोसा जताया है। क्षेत्र में इनका मजबूत जनाधार बताया जाता है। हरीश रावत की चुनौती सिर्फ मोहन बिष्ट से नहीं है, बल्कि उन्हें अपनी पार्टी से भी चुनौती मिल रही है। कांग्रेस ने यहां से पहले महिला नेत्री एवं पूर्व ब्लॉक प्रमुख संध्या डालाकोटी को टिकट दिया है।
रावत को अपनों से खतरा
हरीश रावत का टिकट बदलने से संध्या का टिकट काट दिया गया। इसलिए वह इस सीट से निर्दलीय ताल ठोक रही हैं। इसलिए भी यह सीट चर्चा का विषय बना हुआ है। नतीजा आने के बाद भी यह सीट चर्चा में रहने वाला है। वैसे तो पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। उन्होंने दावा किया है कि लालकुआं हमारे लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं रही। लालकुआं और प्रदेश की जनता डबल इंजन सरकार को बदलना चाहती थी। इसलिए यह चुनाव बदलाव का चुनाव है।
गंगोत्री
प्रदेश की तीसरी हॉट सीट गंगोत्री है। इस सीट से आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरा कर्नल अजय कोठियाल चुनावी मैदान में हैं। इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय बताया जा रहा है। इनके सामने दो बार के विधायक कांग्रेस नेता विजयपाल सिंह सजवाण के साथ भाजपा के सुरेश चौहान भी हैं। अलग राज्य बनने के बाद हुए चार चुनाव में दो बार यहां भाजपा ने जीत दर्ज की तो दो बार कांग्रेस को जीत मिली। भाजपा से दो बार विधायक रहे गोपाल सिंह रावत की पिछले साल ही मृत्यु हो गई थी। पिछली बार यहां से भाजपा ही जीती थी। गोपाल सिंह रावत की मृत्यु के बाद भाजपा ने इस बार यहां से सुरेश चौहान को उम्मीदवार बनाया है। इस त्रिकोणीय मुकाबले के कारण इस सीट का दंगल काफी रोचक हो गया है। ऐसे भी इस सीट के साथ जुड़ा एक मिथक इसे और भी दिलचस्प बना देता है।
टूटेगी मिथक?
यह मिथक वर्ष 1958 से चला आ रहा है। मिथक यह है कि इस सीट पर जिस पार्टी की जीत होती है, प्रदेश में सरकार उसी की बनती है।
पौड़ी
पौड़ी जिले में तीन सीटें हॉट बनी हुई हैं। ये हैं- श्रीनगर, चौबट्टाखाल और लैंसडाउन। श्रीनगर में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल के बीच मुकाबला है। पिछले चुनाव में धन सिंह ने गोदियाल को बड़े अंतर से हराया था। चौबट्टाखाल से कैबिनेट मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता सतपाल महाराज चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने कांग्रेस के केसर सिंह नेगी हैं। पिछली बार उन्होंने राजपाल बिष्ट को हराया था। लैंसडाउन सीट होने का कारण पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत हैं। यहां से उनकी बहू अनुकृति गुसाईं चुनाव मैदान में हैं। अपनी बहू को टिकट दिलाने के लिए हरक सिंह भाजपा छोड़ कांग्रेस में गए। इनके सामने इस सीट से लगातार दो बार विधायक रहे महंत दलीप सिंह रावत हैं।
इनके अलावा कुछ अन्य सीटों पर भी लोगों की नजर सबसे अधिक है। जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ेगी, वैसे-वैसे लोगों की धड़कने तेज होती जाएंगी।
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