भाजपा के खिलाफ बने विपक्षी I.N.D.I. A. गठबंधन में दरार के संकेत मिलने लगे हैं। कोलकाता में हुई माकपा (CPI(M)) की दो दिवसीय पोलित ब्यूरो की बैठक 17 सितंबर को संपन्न हुई। सूत्रों के मुताबिक बैठक में निर्णय लिया गया है कि आईएनडीआईए की समिति में माकपा अपना प्रतिनिधि नहीं भेजेगी। इसकी वजह है कि उसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के भतीजे अभिषेक बनर्जी को भी जगह दी गई है।
समिति में है दरार
उल्लेखनीय है कि 14 सदस्यीय समिति में 14 नंबर जगह आईएनडीआईए गठबंधन ने खाली रखी थी। इसमें माकपा प्रतिनिधि को शामिल किया जाना था। पार्टी की ओर से बताया गया था कि वह बाद में इस पर अपना उम्मीदवार बताएंगे। इसके बाद कोलकाता में दो दिवसीय पोलित ब्यूरो (politburo) की बैठक में स्पष्ट हो गया है कि पार्टी अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) के साथ एक समिति में नहीं रहेगी। केरल माकपा ने दूसरी ओर यह भी स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस के साथ किसी भी समिति का हिस्सा नहीं हो सकती। इसलिए आईएनडीआईए गठबंधन की समिति (Committee) में दरार स्पष्ट है।
निर्णय के अधिकार को लेकर है मतभेद
हालांकि पार्टी ने कोलकाता की बैठक में स्पष्ट कर दिया है कि वह गठबंधन का हिस्सा रहेगी लेकिन कई बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट की है। पहली बात कि गठबंधन को और मजबूत करेंगे। भाजपा को केंद्र की सत्ता से हटाने के लिए एकजुट लड़ाई में साथ देंगे। हालांकि पार्टी ने कहा कि इस तरह की कोई भी कमेटी नहीं बनाई जानी चाहिए थी जो खुद निर्णय ले और दूसरों को उसका पालन करना पड़े।
बंगाल माकपा ने पहले भी जताई है नाराजगी
दरअसल गठबंधन की बैठक के मंच पर ममता बनर्जी के साथ सीताराम येचुरी की उपस्थिति को लेकर बंगाल माकपा में तीखी नाराजगी जताई थी। बहरहाल मोहम्मद सलीम ने कहा था कि बड़ी लड़ाई के लिए एक साथ आना जरूरी है। इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि हम तृणमूल का समर्थन करेंगे। पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो समिति बनाई गई है वह भी जरूरी नहीं थी। अब देखना होगा कि आईएनडीआईए का इस पर क्या कुछ रुख होता है।
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