खाली तिजोरी का रोना, कैसे हारेगा कोरोना? हम दिखाएंगे आईना

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मुंबई। पिछले करीब सात महीनों से देश-दुनिया में कोरना का रोना है। सबका एक ही नारा है,कोरोना को हराना है लेकिन इस तबाही के दौर में भी सरकारी तंत्र और प्रशासन का रवैया बेहद अमानवीय और लचर है। महाराष्ट्र चीफ मिनिस्टर रिलीफ फंड में जमा ज्यादातर रकम का यूं ही पड़े रहना कोरोना से लड़ने की सरकारी नीतियों और प्रशासन के ढीले रवैये पर से पर्दा उठाने के लिए काफी है।
दुखी और बेचैन हैं चीफ मिनिस्टर फंड के पूर्व प्रमुख
महाराष्ट्र चीफ मिनिस्टर रिलीफ फंड के फॉर्मर हेड ओम प्रकाश शेटे अपने प्रयास से अबतक 17 लाख लोगों को जीवन दान दे चुके हैं और आज भी उनसे लोग फोन पर जिंदगी बचाने की गुहार लगा रहे हैं। शेटे चीफ मिनिस्टर रिलीफ फंड को लेकर अपना दर्द बयां करते हुए कहते हैं, “मैं वहां का चीफ रह चुका हूं। जिस थाली में खाया,उसमें छेद नहीं करना चाहता। लेकिन सच बताऊं तो बहुत बुरा लगता है। नींद नहीं आती है। वहां हमने जो मंदिर बनाया था, वो मंदिर का ढांचा गिर चुका है अब। कॉमन मैन है, नहीं बच पा रहे हैं, तो बुरा लगता है लेकिन ये पावर तो ऑनरेबल चीफ मिनिस्टर के हाथ में है। उसका कैसे य़ूज करना है, ये वही बता सकते हैं। मैंने 17 लाख लोगों की सेवा की थी, अभी लोग मर रहे हैं। रोज 5 सौ 6 सौ मेसेज आते हैं। अभी मैं रिप्लाई देकर थक चुका हूं”। वे फंड की ऐसी तबाही के समय भी उपयोग नहीं किये जाने से बेहद दुखी और बेचैन हैं।
कोर्ट से अपील, “लोगों को बचा लीजिए”
शेटे अपना दर्द बयां करते हुए फफक-फफकर रो पड़ते हैं, “किसी से उम्मीद नहीं है। इसलिए मैं कोर्ट में नहीं गया। कॉमन मैन नहीं बच पाएगा तो मुझे बहुत बुरा लगेगा। ये मेरे अंदर की आवाज है। बहुत सारे लोग मरे हैं, पैसा नहीं है इसलिए मर रहे हैं। मेरी कोर्ट से अपील है कि लोगों को बचा लीजिए”।

सबने दिल खोलकर किए दान
कोरोना से जंग के लिए चीफ मिनिस्टर रिलीफ फंड में अबतक उद्योगपतियों, सेलेब्रि़टीज और विभिन्न पार्टियों के नेताओं के साथ ही आम जनता ने भी दिल खोलकर दान दिया है।यही वजह है कि कोरोना काल में सिर्फ सात महीने में करोड़ों रुपए जमा हुए हैं।
महाराष्ट्र सरकार से मिले आंकड़े
*चीफ मिनिस्टर रिलीफ फंड में कुल 541 करोड़ 18 लाख रुपए जमा हुए
* मात्र132 करोड़ 25 लाख रुपए खर्च किए गए
* खर्च की गई रकम जमा रकम का मात्र 24.43 प्रतिशत
* 75.57 प्रतिशत रकम फंड में अभी भी जमा
इस तरह खर्च की गई रकम
* 20 करोड़ रुपये सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल, मुंबई को दिए गए
*औरंगाबाद मालगाड़ी हादसे में मृत 16 मजदूरों के परिजनों 5-5 लाख रुपये दिए गए
* 36 जिलों के प्रवासी मजदूरों का रेल्वे किराया 88 करोड़ 64 लाख रुपए दिया गया
*जालना और रत्नागिरी में कोविड लैब के लिए प्रत्येक जिले को 1 करोड़ 7 लाख दिए गए
*कोरोना मरीजों के प्लाज्मा उपचार के लिए 16 करोड़ 85लाख रुपये दिए गए
क्या यही पेश कर रहे हैं आदर्श?
एक तरफ कोरोना काल में महाराष्ट्र सरकार फंड का रोना रो रही है और दूसरी तरफ चीफ मिनिस्टर रिलीफ फंड में इतनी बड़ी रकम का यूं ही पड़े रहना उसकी गलत नीतियों को दर्शाता है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बार कहा था कि हमारी सरकार आदर्श पेश करेगी, वाकई कोरोना के मामले में वे आदर्श पेश कर अपने वादे पर मुहर लगा रहे हैं। इसीलिए तो महाराष्ट्र कोरोना संक्रमण मामले में देश में प्रथम पायदान पर है।

 

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