कर्नाटक में हिजाब पर विवाद उग्र रुप धारण करता दिख रहा है। तनाव को देखते हुए शिमोगा में धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके साथ ही कई स्थानों पर हिंदू और मुस्लिम छात्रों के आमने-सामने आने और पथराव की घटनाएं घटने से भी माहौल बिगड़ता दिख रहा है।
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री गिरिराज सिंह ने स्कूलों में हिजाब पहनने को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का षड्यंत्र बताया है। इसे गजबा-ए-हिंद के माइंडसेट से तुलना की है। उन्होंने स्कूलों में नमाज पढ़ने का एक वीडियो शेयर करते हुए इसे भयावह बताया है-“कट्टरवाद और जिहाद के बीज कट्टरपंथियों द्वारा शिक्षा के मंदिर में बोए जा रहे हैं, कल वे भारत में संवैधानिक और कानूनी समस्याएं पैदा करेंगे। देश में किसी भी स्तर पर इसका समर्थन देश के सद्भाव को बिगाड़ने का प्रयास होगा। स्कूल से आ रही ये तस्वीर भयावह है।”
कट्टरवाद और जिहाद के बीज कट्टरपंथियों द्वारा शिक्षा के मंदिर में बोए जा रहे हैं, कल वे भारत में संवैधानिक और कानूनी समस्याएं पैदा करेंगे।
देश में किसी भी स्तर पर इसका समर्थन देश के सद्भाव को बिगाड़ने का प्रयास होगा।
स्कूल से आ रही ये तस्वीर भयावह है। pic.twitter.com/GKU7bARCj6— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) February 8, 2022
हिजाब के समर्थन में उतरे दलित छात्र
मामला उस समय और बढ़ गया, जब हिजाब ने राजनीतिक रंग ले लिया। मुस्लिम छात्राओं के समर्थन में जय भीम के नारे के साथ दलित विद्यार्थियों के एक गुट के मैदान में उतर आने से मामला और बढ़ता दिख रहा है। मुस्लिम छात्राएं जहां हिजाब पहनने पर अड़ी हुई हैं, वहीं हिंदू छात्र दो गुटों में बंट गए हैं। कुछ हिंदू छात्र जहां भगवा गमछा के साथ स्कूल-कॉलेज में एंट्री मांग रहे हैं, वहीं अब नीला गमच्छा लेकर दलित छात्रों का एक गुट मुस्लिम छात्राओं के समर्थन में एंट्री मांग रहा है। वे जय भीम का नारा लगाते दिख रहे हैं।
Another colour got added to ongoing #HijabisOurRight row. #Dalit students wearing #blueshawls chanting #JaiBhim came in support of #Hijab wearing girl students at IDSG college #Chikkamagalur #Karnataka. pic.twitter.com/07yZEePExr
— Imran Khan (@KeypadGuerilla) February 7, 2022
मुस्लिम छात्राएं जहां अल्लाहू अकबर का नारा लगा रही हैं, तो हिंदू छात्र जय श्री राम और जय भवानी के नारे लगा रहे हैं।
https://twitter.com/AkshayKatariyaa/status/1490973929271623689?s=20&t=vBlGkjufvevGNHzym2hAmg
भावनाओं नहीं, संविधान के आधार पर फैसला देंगे हमः न्यायालय
इस बीच कर्नाटक के उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा है कि हम भावनाओं नहीं, कानून के हिसाब से फैसला करेंगे। न्यायालय ने कहा, “हम तर्क के आधार पर आगे बढ़ेंगे। कानून के आधार पर बढ़ेंगे, न कि भावनाओं के आधार पर फैसला देंगे। जो संविधान में है, उसके आधार पर फैसला देंगे। हमारे लिए संविधान भगवद्गीता है।”