Social Media: कोई भी जानबूझकर गलत सूचना फैलाने के लिए सोशल मीडिया और डिजिटल साधनों(Social media and digital tools) का उपयोग कर सकता है। यह ‘डीपफेक’, फर्जी समाचार और गलत सूचना(‘Deepfakes’, fake news and misinformation) पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द(Former President Ramnath Kovind) ने भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) के 55वें दीक्षांत समारोह(convocation) के दौरान यह बात कही। भारत मंडपम(Bharat Mandapam) (प्रगति मैदान) में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व राष्ट्रपति ने पत्रकारिता और मीडिया के क्षेत्र में प्रवेश करने वाले छात्रों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि इन चुनौतियों के बीच नागरिकों को सटीक जानकारी उपलब्ध कराने के साथ साथ तेजी से विकसित हो रही प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग(misuse of technologies) से निपटने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार रहें।
सनसनीखेज खबरों की प्रवृत्ति से दूर रहने की सलाह
पूर्व राष्ट्रपति ने स्नातक छात्रों से अधिक टीआरपी हासिल करने के लिए सनसनीखेज खबरों की प्रवृत्ति से दूर रहने( stay away from the trend of sensationalizing news to gain TRP)और पत्रकारिता के मूल्यों को बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनाने की शक्ति युवाओं के हाथों में है। उन्हें इस शक्ति का उपयोग बुद्धिमानी से करना चाहिए। उन्होंने पत्रकारिता में शॉर्टकट अपनाने की प्रवृत्ति से बचने का भी आग्रह किया।
ये रहे उपस्थित
इस माैके पर आईआईएमसी दिल्ली, आईआईएमसी ढेंकनाल, आईआईएमसी आइजोल, आईआईएमसी अमरावती, आईआईएमसी कोट्टायम और आईआईएमसी जम्मू के 2021-22 और 2022-23 बैच के 700 से अधिक छात्रों ने दीक्षांत समारोह में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया। छात्रों को हिंदी पत्रकारिता, अंग्रेजी पत्रकारिता, ओड़िया पत्रकारिता, मराठी पत्रकारिता, मलयालम पत्रकारिता, उर्दू पत्रकारिता, विज्ञापन और जनसंपर्क, रेडियो और टेलीविजन पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त हुए। इसके अलावा दोनों बैच के 65 विद्यार्थियों को विभिन्न पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया। इस माैके पर आईआईएमसी के अध्यक्ष आर. जगन्नाथन, महानिदेशक डॉ. अनुपमा भटनागर और अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. निमिष रुस्तगी उपस्थित थे।