…ऐसी दुनिया का हो निर्माण, इंडो-पैसिफिक रीजनल डायलॉग में बोले रक्षा मंत्री राजनाथ

भारत के दार्शनिकों ने हमेशा राजनीतिक सीमाओं से ऊपर उठकर मानव समुदाय को समझा है। इस दिशा में वैश्विक समुदाय कई प्लेटफार्मों और एजेंसियों के माध्यम से आगे बढ़ रहा है।

146

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इंडो-पैसिफिक रीजनल डायलॉग में कहा कि बेहतर दुनिया का निर्माण करना हम सबकी सामूहिक और नैतिक जिम्मेदारी है। ऐसी दुनिया का निर्माण होना चाहिए जो सुरक्षित और सभी के लिए न्यायपूर्ण हो। भारत के दार्शनिकों ने हमेशा राजनीतिक सीमाओं से ऊपर उठकर मानव समुदाय को समझा है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में वैश्विक समुदाय कई प्लेटफार्मों और एजेंसियों के माध्यम से आगे बढ़ रहा है। इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सबसे आगे है।

जताया यह विश्वास
दिल्ली के मानेकशा सेंटर में ‘इंडो-पैसिफिक रीजनल डायलॉग’ के आखिरी दिन रक्षा मंत्री ने दृढ़ विश्वास जताया कि अगर सुरक्षा एक सामूहिक उद्यम बन जाए तो हम एक वैश्विक व्यवस्था बनाने के बारे में सोच सकते हैं, जो सुरक्षित और सभी के लिए न्यायपूर्ण हो। हमने यूएन पीस कीपिंग ऑपरेशंस में महिलाओं के लिए आसियान-भारत पहल का प्रस्ताव किया है जो अधिक मानवीय दृष्टिकोण के माध्यम से प्रभावी संघर्ष समाधान और स्थायी शांति की दिशा में योगदान देगा। हमने समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार की दिशा में समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण प्रतिक्रिया पर आसियान-भारत पहल का भी प्रस्ताव दिया है।

ये भी पढ़ें- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की प्रशंसा, दिल्ली घोषणापत्र को मिली स्वीकार्यता

मिलकर करना चाहिए काम
रक्षा मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में रचनात्मक संबंधों वाले भागीदारों के साथ काम करने का हमेशा हमारा प्रयास रहा है। हमने बैंकाक में आयोजित पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में ‘इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव’ लांच किया है। मौजूदा समय में जब मानवता जलवायु परिवर्तन, कोविड महामारी जैसी समस्याओं का सामना कर रही है, तो हम सभी को युद्धों और संघर्षों के विनाशकारी असर से विचलित हुए बिना इन चुनौतियों पर काबू पाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संदेश ‘अब युद्ध का समय नहीं है’ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह हमें पूरे हिंद प्रशांत क्षेत्र में मानवता का संदेश साझा करने की अनुमति देता है।

संकीर्णता से ऊपर उठकर सोचने की जरूरत
उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र न केवल क्षेत्रीय बल्कि व्यापक वैश्विक समुदाय के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। क्षेत्र में सदियों पुरानी समुद्री गलियां आड़े-तिरछे व्यापार को बढ़ाने में मदद करती हैं। समुद्री गलियारों ने संस्कृतियों और विचारों को साथ लाने का कार्य किया है। यही वह जल है जो सदियों पहले शांति, ज्ञान, आशा और कल्याण का संदेश लेकर आया था, इसे हमें एक बनाने का प्रयास करना चाहिए। हमें संकीर्णता से ऊपर उठकर सोचना होगा कि मजबूत और समृद्ध भारत दूसरों की कीमत पर नहीं बनेगा, बल्कि भारत यहां अन्य देशों को उनकी पूरी क्षमता का एहसास कराने में मदद करने के लिए है। राजनाथ सिंह ने कहा कि न केवल क्षेत्रीय, बल्कि व्यापक वैश्विक समुदाय के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण बना हुआ है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.