Delhi Assembly Elections: अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में लड़ाई अब कैश पर आ गई है। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर जाकर महिला सम्मान योजना के तहत दिल्ली की महिलाओं को 2100 रुपए देने के वादे पर दिल्ली सरकार के अफसरों ने ही सवाल खड़े कर दिए हैं। भाजपा और कांग्रेस ने भी केजरीवाल की इस योजना को फर्जीवाड़ा करार दिया है । लेकिन आम आदमी पार्टी ने इसके बदले में भाजपा के पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
प्रवेश वर्मा पर हमला केजरीवाल की सोची -समझी साजिश
अरविंद केजरीवाल प्रवेश वर्मा को क्यों निशाना बना रहे हैं ? उन पर कैश बांटने का आरोप लगा रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि प्रवेश वर्मा युवा चेहरा हैं। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा की सियासी विरासत को संभाल रहे हैं। प्रवेश वर्मा जाट समाज से आते हैं। दिल्ली की कई विधानसभा सीटों पर जाटों का गहरा प्रभाव है। भाजपा की छवि ऐसी पार्टी की है, जो भविष्य पर नजर रखती है। साहिब सिंह वर्मा का असर हरियाणा, राजस्थान से लेकर उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र तक है।
दूसरा केजरीवाल प्रवेश वर्मा पर आरोप लगाकर दिल्ली के चुनाव को स्थानीय बनाना चाहते हैं। भाजपा सामूहिक नेतृत्व के बलबूते चुनाव मैदान में उतरेगी। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि के आगे केजरीवाल फीके पड़ जाएंगे। इसलिए आम आदमी पार्टी कैश कांड को प्रमुखता से उठा रही है।
भाजपा नेता केजरीवाल पर हमलावर
दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी से लेकर संसद बांसुरी स्वराज तक भाजपा के कई नेता अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के खिलाफ हमलावर है। लेकिन आम आदमी पार्टी की रडार पर सिर्फ प्रवेश वर्मा नजर आ रहे हैं।
क्या कहता है कानून?
दिल्ली विधानसभा चुनाव की अभी घोषणा नहीं हुई है। इसलिए दिल्ली में आचार संहिता नहीं है। कानून के जानकारों का मानना है कि यह मामला वोट फॉर कैश का नहीं है और ना ही भाजपा ने प्रवेश वर्मा को अभी तक नई दिल्ली विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। दूसरा प्रवेश वर्मा ने साफ तौर पर कहा है कि यह पैसा उनके पिता साहिब सिंह वर्मा द्वारा बनाए गए एनजीओ के माध्यम से दिया गया है। इससे पहले भी गुजरात में आए भूकंप में वह मदद कर चुके हैं।