Delhi Assembly Elections: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोशल मीडिया के माध्यम से नये-नये विवादों में फंस रहे हैं । नया विवाद अरविंद केजरीवाल की स्वयं निर्मित फिल्म को लेकर है । शराब घोटाले में जमानत पर रिहा अरविंद केजरीवाल और अपनी टीम के जेल जाने के सफर को भी अपने संघर्ष के रूप में दिखा रहे है । इस फिल्म के माध्यम से अपनी बेगुनाही को साबित करना चाहते है।
केजरीवाल अपनी बेगुनाही को अदालत में साबित करें
दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि विधानसभा चुनावों में हार की बढ़ती संभावना के बीच, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने अपनी राजनीतिक स्थिति खो दी है और वे रोज़ बेतुकी बयानबाजी कर रहे हैं। अब, अपनी नियमित बयानबाजी से आगे बढ़ते हुए संजय सिंह और अन्य लोगों ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर एक लघु फिल्म बनाई और उसकी स्क्रीनिंग आयोजित कर नई उलझन पैदा करने की कोशिश की है।
केजरीवाल का बयना हास्यास्पद
केजरीवाल का यह बयान कि “अगर यह फिल्म दिखाई जाती, तो मेरी गिरफ्तारी की साज़िश का सच सामने आता; इसलिए बीजेपी ने पुलिस को निजी स्क्रीनिंग रोकने के लिए कहा” हास्यास्पद है। बीजेपी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि केजरीवाल और संजय सिंह को समझना चाहिए कि केवल अपनी स्वयं निर्मित फिल्म को एक निजी स्क्रीनिंग में दिखाने से उनकी बेगुनाही साबित नहीं होगी; उन्हें अदालत में केजरीवाल की बेगुनाही साबित करनी होगी।
स्क्रीनिंग से पहले अदालत की अनुमति जरुरी
इसके अतिरिक्त, केजरीवाल को यह भी याद रखना चाहिए कि किसी भी निजी स्क्रीनिंग से पहले उन्हें अदालत की अनुमति चाहिए, क्योंकि अदालत ने उन्हें अपने मामले पर सार्वजनिक बयान या चर्चा करने से रोक रखा है।
दिल्ली पुलिस की स्क्रीनिंग पर रोक
ये डॉक्यूमेंट्री उसे समय पर आधारित है जब अरविंद केजरीवाल मनीष सिसोदिया संजय सिंह और सत्येंद्र जैन जेल में बंद थे। यह डॉक्यूमेंट्री इन नेताओं की जेल यात्रा पर बनाई गई है।सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर ध्रुव राठी ने यूट्यूब पर अरविंद केजरीवाल के डॉक्यूमेंट्री जारी कर दी।
विवादों में ध्रुव राठी
ध्रुव राठी यूट्यूबर और इनफ्लुएंसर हैं। उनके यूट्यूब पर 23 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। राठी अपने कंटेंट को लेकर कई बार विवादों में घिररे रहते हैं। उन पर एक तरफा वीडियो बनाने काआरोप लगाता रहा है।