Delhi Assembly Elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव में इंडी गठबंधन के बीच झगड़ा शुरू हो गया है। गठबंधन के भीतर कांग्रेस अलग-थलग पड़ गई है। दिल्ली के रण में कांग्रेस के खिलाफ लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने वाली पार्टियों ने मोर्चा खोल दिया है। दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों प्रमुख दल हैं। लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर बने बेमेल इंडी गठबंधन की कलई खुल चुकी है।
पहले प्यार, अब तकरार
इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों में दोस्ती काफी दिलचस्प और विरोधाभास भरी हुई है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मिलकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक दूसरे के खिलाफ लड़ी। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वामपंथी दलों ने साथ में मिलकर चुनाव लड़ा लेकिन केरल में दोनों दलों के बीच में मुख्य मुकाबला रहा। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अगले महीने 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। लेकिन कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को अपना सबसे मुख्य विरोधी दल बताया है।
दिल्ली में अस्तित्वहीन पार्टियों का ‘आप’ का साथ
कांग्रेस के इस कदम से इंडी गठबंधन के समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव खुलकर आम आदमी पार्टी के समर्थन में आ गए। उन्होंने यह तक ऐलान कर दिया कि अरविंद केजरीवाल के साथ चुनावी मंच साझा करेंगे। तृणमूल कांग्रेस ने भी अरविंद केजरीवाल को समर्थन का ऐलान कर दिया। शिवसेना यूबीटी तो नसीहत दे रही है कि आम आदमी पार्टी पर कांग्रेस हमलावर ना हो। इसका सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा। लेकिन दिलचस्प यह है कि इन दलों की कोई राजनीतिक जमीन दिल्ली में नहीं है।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में तीखी जुबानी जंग
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन तो अरविंद केजरीवाल को राष्ट्र विरोधी तक बता चुके हैं। आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं की तरफ से दिल्ली की महिलाओं के लिए कैश बेनिफिट और बुजुर्गों के मुफ्त इलाज की कथित योजनाओं के पंजीकरण को लेकर कांग्रेस आम आदमी पार्टी पर हमलावर है। युवा कांग्रेस ने तो अरविंद केजरीवाल और आतिशी के खिलाफ थाने में शिकायत दे रखी है।
संदीप दीक्षित के तेवरों से डरी आप
कांग्रेस ने नई दिल्ली विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल के सामने संदीप दीक्षित को अपना उम्मीदवार बनाया है। केजरीवाल चूंकि संदीप की मां शीला दीक्षित पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर 2013 में सत्ता में आए थे, वह सरकार मात्र,49 दिन सरकार चली थी। इसके बाद चुनाव 2015 में इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस का दिल्ली से सफाया कर दिया था। 70 में से 67 विधानसभा सीटें उनके खाते में आई थीं। 2020 का चुनाव भी अरविंद ने जीता और कांग्रेस का पूरी तरह सफाया कर दिया। इसलिए संदीप दीक्षित आरोप लगा रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल भाजपा के एजेंट हैं।