Delhi Assembly Elections: किसान यूनियन के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य की स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता व्यक्त की है और पंजाब सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि उन्हें चिकित्सीय सहायता दी जाए। जगजीत सिंह डल्लेवाल का 32 दिन से आमरण अनशन जारी है। सभी फसलों पर एमएसपी गारंटी कानून समेत अन्य मांगों को लेकर किसान यूनियन 13 फरवरी से आंदोलन कर रहा रहा है।
खनौरी बॉर्डर पर किसान यूनियन के अनशन से आर्थिक नुकसान
हरियाणा -पंजाब अन्तर्राज्यीय शम्भू बॉर्डर राष्टीय राजमार्ग 44 पर रोजाना लगभग 50 हजार वाहन गुजरते थे । इस वर्ष 10 फरवरी से किसान यूनियन के नेताओं के अनशन के कारण शंभू बॉर्डर को बंद कर दिया है । शंभू बॉर्डर BOT के आधार पर बनाया गया है । इस कारण केन्द्र सरकार को 227 करोड़ का आर्थिक नुकसान हो चुका है । यानी प्रत्येक दिन 74 लाख रुपए का नुकसान हुआ है।
पंजाब सरकार उदासीन
पंजाब सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं कि पंजाब सरकार जगजीत सिंह डल्लेवाल को स्वास्थ्य की खराब हो रही स्थिति के बावजूद उपचार क्यों नहीं दे रही है। पंजाब सरकार ने उनको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती क्यों नहीं कराया?
सर्वोच्च फटकार
सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच ने जगजीत सिंह ढल्लेवाल को पर्याप्त चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने में विफल रहने पर पंजाब सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार के रवैया पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी इंसान की जिंदगी से समझौता नहीं किया जा सकता और राज्य सरकार को निर्देश दिया गया कि कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की स्थिति में सख्त कदम उठाए जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने तो यहां तक कह दिया कि हमें उन किसानों की नीयत पर शक है जो डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने में बाधा डाल रहे हैं।
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दिल्ली चुनाव के मद्देनजर राजनीति
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर राजनीति कर रही है। आम आदमी पार्टी किसान यूनियन नेता की सेहत का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ना चाह रही है ताकि किसानों की सहानुभूति को दिल्ली चुनाव में भुनाया जा सके।