Delhi assembly polls: एक्शन मोड में भाजपा, अब बदलेगी दिल्ली की हवा

हरियाणा और महाराष्ट्र में जीत के बाद भाजपा ने दिल्ली में पूरा जोर लगा दिया है। लेकिन दिल्ली में केजरीवाल की मुफ्त की 'रेवड़ियां' की राजनीति को मात देना भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। 

77

-नरेश वत्स

Delhi assembly polls: अगले वर्ष होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi assembly elections) के लिए भाजपा (BJP) ने नई रणनीति बनाई है। हरियाणा और महाराष्ट्र (Haryana and Maharashtra) में मिली शानदार जीत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं (BJP workers) में जीत की ऊर्जा बढ़ गई है। भाजपा के लिए सबसे बड़ा सवाल है कि वर्ष 1998 में दिल्ली की सत्ता गंवाने के बाद भाजपा दिल्ली में वापसी कर पाएगी?

हरियाणा और महाराष्ट्र में जीत के बाद भाजपा ने दिल्ली में पूरा जोर लगा दिया है। लेकिन दिल्ली में केजरीवाल की मुफ्त की ‘रेवड़ियां’ की राजनीति को मात देना भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।

यह भी पढ़ें- Maharashtra cabinet expansion: फडणवीस सरकार में इन विधायकों ने ली राज्य मंत्री पद की शपथ, जानें किस पार्टी के कितने विधायक बनें मंत्री

होगा त्रिकोणीय मुकाबला
2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने दिल्ली की लोकसभा की 7 सीटें जीती थी। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़े थे। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अलग-अलग चुनाव मैदान में है। आम आदमी पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह अकेले दिल्ली विधानसभा के चुनाव में भाजपा का मुकाबला करेगी। चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय बनाने की कोशिश दिल्ली कांग्रेस कर रही है। लेकिन मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच होना है।

यह भी पढ़ें- Maharashtra cabinet expansion: फडणवीस सरकार के मंत्रियों ने ली शपथ, जानें किस पार्टी के कितने विधायक बनें मंत्री

‘रेवड़ी’ बांटने की राजनीति तेज
दिल्ली विधानसभा का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है तो मुफ्त की रेवड़ी की घोषणाएं होने लगी है। जो योजनाएं पूर्व में दिल्ली सरकार द्वारा चलाई जा रही है उन्हें आम आदमी पार्टी ‘छह रेवड़ी’ के नाम से ही जनता के बीच लेकर उतरी है। भाजपा अरविंद केजरीवाल की मुफ्त में देने की गारंटी का हल निकालने के लिए नई रणनीति पर काम कर रही है। भाजपा भी अपने संकल्प पत्र में वादा करने की तैयारी कर चुकी है कि वह सत्ता में आएगी तो मुफ्त बिजली, पानी जैसी सुविधाएं दिल्ली वासियों को मिलती रहेगी। कांग्रेस भी मुफ्त बिजली और स्वास्थ्य बीमा को लेकर दावा करने लगी है। ‌संदेश साफ है कि राजनीतिक दलों में चुनाव जीतने के लिए मुफ्त की रेवड़ी देने की होड़ मची है। जहां एक और रेवड़ियों के जरिए राजनीतिक साधने पर देश भर में बुद्धिजीवी और राजनीतिक जानकार सवाल खड़े कर रहे हैं और इस प्रवृत्ति को लोकतंत्र और देश के लिए हानिकारक बता रहे हैं। लेकिन मुफ्त रेवड़ियां बांटने के जनक अरविंद केजरीवाल इसे सकारात्मक रूप से एक उचित कदम ठहरा रहे हैं।

यह भी पढ़ें- Swatantryaveer Savarkar को लेकर संसद में दिये बयान बाहर देकर दिखायें; रणजीत सावरकर की राहुल गांधी को चुनौती

केजरीवाल की मुफ्त रेवड़ियां!
आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली के लोगों को मुफ्त रेवड़ियां में 6 सुविधाएं दी हैं। इनमें 24 घंटे बिजली, मुफ्त पानी, बेहतर शिक्षा, सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा और बुजुर्गों के लिए तीर्थ यात्रा शामिल हैं।

यह भी पढ़ें- Maharashtra cabinet expansion: इन विधायकों ने ली मंत्री पद की सपथ, पढ़ें पूरी लिस्ट

‘फ्री’ सुविधा का लालच
भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने “हिंदुस्थान पोस्ट” को कहा कि निशुल्क बिजली, पानी के नाम पर सत्ता प्राप्त करने वाली आम आदमी पार्टी ने अपना वादा पूरा नहीं किया दिल्ली के कई क्षेत्रों में जल संकट और दूषित जल की समस्या है। लोगों को पानी के बढ़े हुए बिल भेजे जा रहे हैं। बिजली बिलों पर कई तरह के अधिभार लगा दिए गए हैं और पर्याप्त बसें न होने के कारण महिलाओं को यात्रा करने में कठिनाई होती है। उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली सरकार को कंगाल बना देना चाहती है इस राजनीतिक दल को सरकार के खजाने और व्यवस्थाओं से कोई लेना-देना नहीं है लोगों को फ्री सुविधा का लालच देकर चुनाव जीतना ही इसका मकसद है।

यह भी पढ़ें- EVM: ईवीएम मुद्दे पर इंडी गठबंधन में फुट, उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस पर किया तीखा तंज

सहयोगी दल में नाराजगी
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव कहते हैं कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जो रेवड़ियां बांटने की घोषणाएं कर रहे हैं वह उनके नकारापन और प्रशासनिक विफलता की निशानी है एक दशक के शासन में उन्होंने दिल्ली की बेहतरी के लिए कुछ भी ना करके उल्टा इसे और बर्बाद कर दिया है कांग्रेस सरकार ने दिल्ली का कितना विकास किया था आम आदमी पार्टी सरकार ने उसे उतना ही पीछे कर दिया है।

यह भी पढ़ें- AAP Candidates List: AAP ने जारी की इतने उम्मीदवारों की अंतिम सूची, जानें किसे कहां से मिला मौका

चुनावों में दिल्लीवासियों का प्रेम बटा
दिल्ली में लोकसभा और विधानसभा चुनाव का पैटर्न हमेशा अलग रहता है पिछले तीन बार से होता यह आ रहा है कि दिल्ली के लोग सभी सात लोकसभा की सीटें भाजपा की झोली में डाल देते हैं और विधानसभा चुनाव में दिल्ली के लोग पूरा प्यार अरविंद केजरीवाल पर उड़ेल देते हैं। भाजपा को तो कुछ सीटें मिल जाती है कांग्रेस का तो खाता भी नहीं खुलने देते। भाजपा ने अपने संकल्प पत्र के लिए दिल्ली की जनता से फीडबैक इकट्ठा करना शुरू कर दिया और वह दिल्ली वालों के लिए मुफ्त की घोषणाएं करेगी लेकिन कांग्रेस ने तो मुफ्त बिजली की अपनी स्कीम का ऐलान भी कर दिया है।

यह भी पढ़ें- Adani: कोई और सहारा नहीं, अडानी पर अटकी कांग्रेस

चुनाव में लगेगी रेवड़ी की होड़
महिलाओं के खातों में हर महीने 1000 रुपये भेजने के आम आदमी पार्टी सरकार के वादे की तर्ज पर भाजपा भी इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। मध्य प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में ‘लाडली बहना योजना’ की सफलता ने भाजपा को दिल्ली में आम आदमी पार्टी की राह पर चलने पर मजबूर कर दिया है। कांग्रेस ने तो दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 200 यूनिट फ्री बिजली देने की स्कीम के मुकाबले 400 यूनिट मुफ्त बिजली देने की भी घोषणा कर दी है। आम आदमी पार्टी तो मुफ्त की बिजली, पानी, मोहल्ला क्लीनिक के अलावा बुजुर्गों को दिल्ली मुफ्ती यात्रा भी कर रही है और अब तो लगता है भाजपा और कांग्रेस भी केजरीवाल की फ्री की राजनीति को उसी के स्टाइल में मात देने की राह पर है।

यह भी पढ़ें- CM Yogi: ताजमहल बनाने वालों के हाथ काट दिए गए, राम मंदिर बनाने वालों का हुआ सम्मान: सीएम योगी

‘अब नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे’
आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा ने आज एक कदम और आगे बढ़ाया है। भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए नया नारा जारी किया है, ‘अब नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे’। वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि दिल्ली की जनता अब ‘आप’ के भ्रष्ट शासन से मुक्ति चाहती है। दिल्लीवासी ‘आप’ के भ्रष्टाचार से बेहद परेशान हैं और दिल्ली का विकास चाहते हैं।

यह भी पढ़ें- Maharashtra cabinet expansion: महायुति के इन नेताओं को शपथ लेने के लिए आया फोन, यहां देखें पूरी लिस्ट

स्थानीय राजनीति की आवश्यकता
12 अक्टूबर 1998 को सुषमा स्वराज को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया गया था लेकिन प्याज के बढ़े दामों के कारण वर्ष 1998 के चुनावों में कांग्रेस ने भाजपा को हरा दिया था। उसके बाद 2003 और 2008 में कांग्रेस की सरकार बनी। 2013 में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई थी। भाजपा 31 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। आप पार्टी को 28 सीटें और कांग्रेस को 8 सीटें मिली थी। ये सरकार महज 49 दिन ही चली थी। 2015 के चुनावों में केजरीवाल ने 70 में 67 सीटें जीती थी। 2015 में भाजपा ने पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को नेतृत्व सौंपकर अरविंद केजरीवाल को चैलेंज किया था लेकिन कुल जमा 3 सीटों पर सिमट गई थी। वर्ष 2020 के चुनाव में भाजपा ने फिर जोर लगाया लेकिन भाजपा को 8 सीटें मिली।

यह वीडियो भी देखें-

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.