-अमन दुबे
Delhi Assembly Polls: दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं। सभी पार्टियां अपनी पूरी ताकत लगा रही हैं।
सभी पार्टियों के नेता गली-गली घूम रहे हैं। देखना यह है कि दिल्ली की जनता किसे वोट देगी और इस बार दिल्ली की गद्दी पर कौन बैठेगा। सभी राजनीतिक दल हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ घोषणाएं करते नजर आ रहे हैं।
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चरम पर चुुनाव प्रचार
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो चुका है। 5 फरवरी को दिल्लीवासी अपना जनादेश इवीएम में बंद हो जाएगा और 8 फरवरी को परिणाम घोषित किए जाएंगे,जो तय करेंगे कि अगले 5 साल तक दिल्ली पर कौन राज करेगा।अब 10 से 12 दिन से भी कम समय बचा है। ऐसे में सत्ताधारी पार्टी आम आदमी पार्टी और मुख्य चुनौती देने वाली बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। सभी नेता रैलियां, रोड शो और प्रचार कर रहे हैं। ऐसे में सवाल ये है कि इस बार दिल्ली की जनता का मूड क्या है, इस चुनाव में उनका दिल किस पार्टी के लिए धड़क रहा है।
मोदी के बाद सबसे ज्यादा डिमांड में योगी
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है। बीजेपी ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत 40 नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया है।
तेजतर्रार नेता सीएम योगी
बता दें कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेता एक दूसरे के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति खेल रहे हैं। वहीं, भाजपा ने भी अपना दांव खेला है यानी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिल्ली चुनाव के लिए स्टार प्रचारक बनाया है। सीएम योगी का जलवा सिर्फ़ यूपी में ही नहीं बल्कि पूरे देश में देखने को मिलता है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मांग लगातार बढ़ती जा रही है।
योगी के सामने विपक्ष ध्वस्त
बीजेपी हर चुनाव में उन्हें स्टार प्रचारक के तौर पर अलग-अलग राज्यों में भेजती है। सीएम योगी जहां भी बीजेपी या उनके गठबंधन के समर्थन में जनसभा करते हैं, विपक्ष धराशायी हो जाता है। उनकी एक सभा या रैली के सामने विपक्षी दलों के सारे समीकरण ध्वस्त हो जाते हैं। ये हम नहीं कह रहे, ये उनके आंकड़े बताते हैं।
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पूर्वांचल के मतदाताओं पर फोकस
दिल्ली में पूर्वांचल के वोटरों की संख्या काफी ज्यादा है। बीजेपी का मानना है कि सीएम योगी की रैली का वोटरों पर असर पड़ना तय है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक ब्रांड बन चुके हैं और उनके गवर्नेंस मॉडल की देशभर में खूब चर्चा होती है। मुख्यमंत्री योगी हिंदुत्व के सबसे बड़े पैरोकार हैं। चुनाव में आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल भी सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चल रहे हैं। अरविंद केजरीवाल ने चुनाव जीतने पर पुजारियों और ग्रंथियों को 18 हजार रुपये मासिक मानदेय देने का वादा किया है। ऐसे में सीएम योगी हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव की तरह दिल्ली में भी ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का नारा देकर केजरीवाल की सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति को कमजोर कर सकते हैं। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री योगी सपा और केजरीवाल के रिश्तों पर भी हमला बोल सकते हैं और केजरीवाल को कटघरे में खड़ा कर सकते हैं।
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सीएम योगी की रैली का मतलब जीत की गारंटी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मतलब जीत की गारंटी है। इसका एक उदाहरण महाराष्ट्र-हरियाणा, कश्मीर चुनाव है। महाराष्ट्र चुनाव में ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे ने खूब सुर्खियां बटोरीं। चुनाव के नतीजे सभी जानते हैं। जम्मू में जहां-जहां सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रचार किया, वहां-वहां बीजेपी की जीत हुई। हरियाणा में भी बीजेपी का कमल खिलाने में योगी का बड़ा योगदान है। अब उनकी अग्निपरीक्षा दिल्ली में है।
दिल्ली से दहाड़ेंगे सीएम योगी
23 जनवरी के बाद 28 और 30 जनवरी को और फिर 1 फरवरी को सीएम योगी घोंडा, शाहदरा, उत्तम नगर, द्वारका में जनसभाएं करेंगे। इसके अलावा बिजवासन, पालम, राजेंद्र नगर और पटपड़गंज में भी जनसभाएं करेंगे और भाजपा उम्मीदवारों के लिए वोट की अपील करेंगे।
14 सीटों पर योगी की रैली
जिस तरह से मुख्यमंत्री योगी ने चुनाव नतीजों में अपना योगदान दिया है, अब सबकी निगाहें सीएम योगी पर टिकी हैं। बीजेपी की दिल्ली चुनाव में सीएम योगी की जीत का स्ट्राइक रेट क्या होगा, यह नतीजों के बाद पता चलेगा। हालांकि, योगी को चार दिनों में 14 जनसभाएं करनी हैं।
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कब होंगे दिल्ली विधानसभा चुनाव?
बता दें कि दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए 5 फरवरी को मतदान होना है। 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। इस चुनाव में नामांकन के आखिरी दिन कुल 1522 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था। लेकिन नाम वापसी और नामांकन पत्रों की जांच के बाद अब कुल 699 उम्मीदवार मैदान में रह गए हैं।
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