देश की राजधानी दिल्ली की केजरीवाल सरकार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने झटके देना शुरू कर दिया है। पिछले कुछ दिनों में उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दो बड़े झटके दिए हैं। पहले जहां उन्होंने केजरीवाल को एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सिंगापुर जाने की अनुमति देने से मना कर दिया, वहीं अब सक्सेना ने केजरीवाल एक और बड़ा झटका दिया है। एलजी ने दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी पर सवाल उठाते हुए उसकी जांच की सिफारिश की है।
मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव की रिपोर्ट आने के बाद एलजी ने एक्साइज पॉलिसी की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। मुख्य सचिव की रिपोर्ट में कई नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। इसके साथ ही उसमें लाइसेंस देने में भी अनियमितता का आरोप है।
शराब लाइसेंसधारियों को लाभ पहुंचाने का आरोप
प्राप्त जानकारी के अनुसार एलजी वीके सक्सेना ने केजरीवाल सरकार की एक्साइज पॉलिसी 2021-22 की सीबीआई जांच के लिए गृह मंत्रालय से सिफारिश की है। इसी महीने दिल्ली के मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है। उसके अनुसार ही एलजी ने यह सिफारिश की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डीएनसीटीडी एक्ट 1991, ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रुल्स 1993 और दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 तथा 2010 का उल्लंघन किया गया है। रिपोर्ट में टेंडर के बाद शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का भी दावा किया गया है।
भाजपा-कांग्रेस ने किया था विरोध
नई एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को पिछले वर्ष 17 नवंबर को लागू किया गया था। इसके अनुसार शहर के 32 जोन में 849 ठेकों के लिए निजी बोलीकर्ताओं को लाइसेंस आवंटिक किए गए हैं। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने पॉलिसी का विरोध किया था तथा एलजी तथा केंद्रीय जांच एजेंसियों से शिकायत कर जांच की मांग की थी।
सिंगापुर जाने की नहीं दी अनुमति
इसके साथ ही एलजी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को सिंगापुर जाने की अनुमति को भी अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि सिंगापुर के कार्यक्रम के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि वहां सरकार के प्रतिनिधित्व करने के बजाय दिल्ली नगर निगम को प्रतिनिधित्व करना चाहिए। हालांकि केजरीवाल ने अब विदेश मंत्रालय से सिंगापुर जाने की इजाजत मांगी है।