Delhi Liquor Scam Case: अदालत से अरविंद केजरीवाल को राहत नहीं, इतने दिनों सीबीआई हिरासत में भेजा

इससे पहले, सीबीआई ने अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में उन्हें आधिकारिक तौर पर गिरफ्तार किया था।

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Delhi Liquor Scam Case: दिल्ली की एक अदालत ने 26 जून (बुधवार) को दिल्ली के मुख्यमंत्री (Delhi Chief Minister) अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को आबकारी नीति मामले (Delhi Liquor Scam Case) में तीन दिन की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) हिरासत में भेज दिया। ,

इससे पहले, सीबीआई ने अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में उन्हें आधिकारिक तौर पर गिरफ्तार किया था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने 5 दिन की हिरासत मांगी थी। केजरीवाल ईडी द्वारा जांच की जा रही आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में 1 अप्रैल से जेल में हैं।

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पूछताछ और अदालती कार्यवाही
सीबीआई ने सोमवार को तिहाड़ जेल में केजरीवाल से शराब नीति मामले में पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया। इसके बाद एजेंसी ने एक विशेष अदालत से केजरीवाल के लिए प्रोडक्शन वारंट मांगा और उसे हासिल किया। सीबीआई उन्हें बुधवार को सुबह 10 बजे ट्रायल कोर्ट में पेश करेगी, संभवतः सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले।

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जमानत कार्यवाही की पृष्ठभूमि
केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद 20 जून को दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी थी। हालांकि, ईडी ने इस फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी, जिसने बाद में 21 जून को जमानत पर रोक लगा दी और 25 जून के लिए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। इसके बाद केजरीवाल की कानूनी टीम ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने तत्काल निर्णय जारी करने के बजाय उच्च न्यायालय के आदेश की प्रतीक्षा करने की सलाह दी।

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उच्च न्यायालय का आदेश
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत केजरीवाल की रिहाई के लिए आवश्यक शर्तों को रेखांकित नहीं किया, जिसके तहत उन पर आरोप लगाए गए हैं, जिससे चल रही कानूनी लड़ाई में जटिलता की एक और परत जुड़ गई। दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को केजरीवाल सरकार ने जुलाई 2022 में वापस ले लिया था, जब उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने इसके निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।

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