दिल्ली नगर निगम चुनाव प्रचार का आज अंतिम दिन है। हर एक पार्टी इस चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। जहां एक ओर भाजपा अपने 15 साल के वर्चस्व को कायम रखना चाहती है, वहीं आम आदमी पार्टी किसी भी तरह से जीत का स्वाद चखना चाहती है। इसके साथ ही कांग्रेस एनसीपी, एआईएमआईएम जैसे दल भी जोर आजमाइश करते नजर आएं।
रेहड़ी पटरीवालों की समस्या करेंगे दूर
चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भाजपा प्रवक्ता राजीव बब्बर ने कहा कि भाजपा सिर्फ घोषणा नहीं करती है वह काम करती है, रही बात झुग्गी-झोपड़ियों की तो हमने पहले ही उन लोगों से फार्म भरवा लिए थे और उसके बाद उन्हें मोदी जी की ओर से घर भी दे दिए गए हैं। साप्ताहिक बाजार और रेहड़ी पटरी के बारे में हमने जो घोषणा की है उसके तहत हम इसका पूरा प्रोसेस ऑनलाइन करेंगे, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो। इसके साथ ही जिनके पास तह बजारियां की पर्ची हैं, उनको मालिकाना हक दिया जायेगा, इसके साथ ही वहां पर जो ओपन टू स्काई है उसे हटाया जाएगा। राजीव बब्बर ने कहा कि हमारे बाजार के साइज बहुत कम हैं। इस समय वह 6/4 के ही हैं। इसके लिए रेहड़ी पटरी वालों की मांग के हिसाब से इसे 6/4 की जगह 7/5 करेंगे। इसके साथ ही साप्ताहिक बाजारों को 6/4 से बढ़ाकर 12/8 करेंगे। उन्होंने कहा कि साप्ताहिक बाजारवालों को प्रशासन से लेकर अन्य लोग परेशान करते हैं। उनकी समस्याओं को देखत हुए हम यहां की दुकानों को ऑफिसियल करेंगे, ताकि उन्हें कोई तंग न कर सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम जाति-धर्म के नाम पर नहीं विकास के नाम पर काम करते हैं।
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इन प्रत्याशियों की किस्मत का होगा फैसला
बता दें कि दिल्ली नगर निगम के सभी 250 वार्डों पर 1349 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। जिनमें से 382 निर्दलीय प्रत्याशी हैं। भाजपा और आम आदमी पार्टी ने सभी 250 सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। कांग्रेस के 247 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। जनता दल यूनाइटेड 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही है तो एआईएमआईएम ने 15 उम्मीदवार उतारे हैं। बसपा ने 174, इंडियन मुस्लिम लीग ने 12 ,कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने 3, राष्ट्रवादी कांग्रेस ने 32 और सपा और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) ने एक-एक सीट पर उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।
इस बार हावी रहें ये मुद्दे
इस बार के चुनावी मुद्दों की बात करें तो भाजपा ने रेहड़ी पटरीवालों और साप्ताहिक बाजार को लेकर बड़ा वादा किया है। इसके साथ ही इस बार के चुनाव में प्रमुख रूप से दिल्ली नगर निगम कर्मचारियों के वेतन भुगतान से जुड़े मुद्दे को लेकर सभी पार्टियों ने वोट मांगा। दिल्ली नगर निगम कर्मचारी सही समय पर वेतन न मिलने की सूरत में समय-समय पर हड़ताल पर चले जाते हैं।