Delhi: दिल्ली में यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने से दिल्ली के बड़े हिस्से में जल संकट पैदा हो गया है। दिल्ली जल बोर्ड के वजीराबाद जल शोधन संयंत्र से पानी आपूर्ति 50 प्रतिशत कम हो गई है। बवाना द्वारका और हैदरपुर डब्ल्यू टीपी से लगभग 10 प्रतिशत कम पानी की आपूर्ति हो रही है।
पानी संकट गहराया
उत्तर -दक्षिणी , पश्चिमी दक्षिणी, मध्य दिल्ली व नई दिल्ली के कई इलाकों में पीने के पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है।दिल्ली जल बोर्ड का कहना है कि यमुना में अमोनिया के स्तर में सुधार होने तक प्रभावित क्षेत्रों में पीने के पानी की समस्या बनी रहेगी। इन इलाकों के लोग दिल्ली जल बोर्ड के टैंकर से पानी मंगवा सकते हैं।
जल संयंत्रों पर अमोनिया की मार
वजीराबाद में यमुना में अमोनिया का स्तर पांच पार्ट प्रति मिलियन तक पहुंच गया है। इस कारण 124 मिलियन गैलन प्रतिदिन क्षमता वाले वजीराबाद डब्ल्यू टीपी से 50 प्रतिशत तक कम पानी आपूर्ति हो रही है। मुनक नहर से पानी वजीराबाद जल संयंत्र को भी दिया जा रहा है। इस कारण हैदरपुर चरण 1 और चरण 2, बवाना और द्वारका डब्ल्यू टीपी से 5 से 10 प्रतिशत तक कम पेयजल मिल रहा है।
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भाजपा और आम आदमी पार्टी आमने-सामने
दिल्ली में पानी की किल्लत को लेकर दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यमुना में प्रदूषण इतना अधिक बढ़ गया है कि वजीराबाद प्लांट चल नहीं पा रहा है क्योंकि यमुना के पानी में इस समय अमोनिया की मात्रा खतरे के निशान से अधिक है। उन्होंने कहा कि हरियाणा अधिक मात्रा में इंडस्ट्रियल वेस्ट यमुना में छोड़ रहा है। भाजपा का कहना है कि दिल्ली सरकार अपनी गलतियों का ठीकरा दूसरों पर फोड़ रही है। भाजपा का दावा है कि हरियाणा में यमुना में अमोनिया की मात्रा नियंत्रण में है। लेकिन केजरीवाल के गलत प्रबंधन के कारण दिल्ली की यमुना में अमोनिया की मात्रा खतरे के निशान से ऊपर चला गया है।