Delhi Politics: दिल्ली सरकार (Delhi Government) के पूर्व मंत्री (Former Minister) सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले (Disproportionate Assets Case) में अभियोजन चलाने के लिए सीबीआई को अनुमति मिल (CBI gets permission) गई है।
13 जनवरी (सोमवार) को सीबीआई ने राऊज एवेन्यू कोर्ट को इस बात की सूचना दी। सीबीआई की इस सूचना के बाद स्पेशल जज जीतेंद्र सिंह ने मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को करने का आदेश दिया।
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मनी लॉन्ड्रिंग का मामले
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को 18 अक्टूबर 2024 को नियमित जमानत दी थी। कोर्ट ने कहा था कि सत्येंद्र जैन लंबे समय से जेल में हैं और इस मामले में जल्द ट्रायल शुरू होने की संभावना नहीं है। ऐसे में वो जमानत के हकदार हैं। सत्येंद्र जैन पर आरोप है कि उन्होंने लोकसेवक रहने के दौरान 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 के बीच एक करोड़ 62 लाख रुपये अर्जित किए जो उनके ज्ञात स्रोत से काफी ज्यादा है।
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2022 में गिरफ्तार
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाई। इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इस मामले में ईडी ने सत्येंद्र जैन के अलावा जिन्हें आरोपित बनाया है उनमें उनकी पत्नी पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, मेसर्स अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड शामिल है। ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 में गिरफ्तार किया था।
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