Delhi Politices: दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगने के आसार, जानें क्या है राजनैतिक माहौल

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Delhi Politices: दिल्ली (Delhi)में राष्ट्रपति शासन (President’s rule) लगने के पूरे आसार हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने दिल्ली बीजेपी (Delhi BJP) द्वारा भेजे गए आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) सरकार के खिलाफ आरोप पत्र (charge sheet) को गृह सचिव (Home Secretary) को भेज दिया है। इस मांग पत्र में दिल्ली सरकार को बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।

क्या है इस मांग पत्र में
30 अगस्त को दिल्ली बीजेपी के एक प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रपति को एक आरोप पत्र दिल्ली सरकार के खिलाफ दिया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के जेल में होने के कारण दिल्ली के रोजमर्रा के कामकाज पर असर पड़ रहा है। इस मांग पत्र में कहा गया है कि दिल्ली में छटे दिल्ली वित्त आयोग का गठन नहीं हुआ है। कैग की रिपोर्ट को दिल्ली विधानसभा में नहीं रखा गया है और केंद्र सरकार की योजनाओं को दिल्ली में लागू नहीं किया जा रहा है। पिछले 5 महीने से दिल्ली विधानसभा का सत्र भी नहीं बुलाया है । यह पिछले सत्र के 6 महीनों के बाद बुलाना अनिवार्य है।

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दिल्ली की सफाई व्यवस्था पर हाईकोर्ट की कड़ी फटकार
दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में आवारा कुत्तों व बंदरों के बढ़ते खतरे पर चिंता जताई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि। दिल्ली नगर निगम अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर रही है। पूरा शहर कूड़े से भरा है . दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम और एनडीएमसी से दो सप्ताह में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की बदहाल स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है।
राष्ट्रपति शासन लगने का आधार क्या है?

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संविधान के अनुच्छेद 356
भारत के संविधान के अनुच्छेद 356 में यह शक्ति राष्ट्रपति को दी गई है कि राष्ट्रपति किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं। यदि वे इस बात से संतुष्ट हो कि राज्य सरकार संविधान के विभिन्न प्रावधानों के अनुसार काम नहीं कर रही है। संविधान में यह बात भी स्पष्ट से लिखी हुई है कि राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के दो महीनों के भीतर संसद के दोनों सदनों द्वारा इसका अनुमोदन किया जाना जरूरी है। अगर किन्ही कारणों से लोकसभा भंग हो जाती है तो इसका राज्यसभा द्वारा अनुमोदन किया जाना जरूरी है।

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