Delhi Politics: आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) राज्यसभा (Rajya Sabha) के चुनाव में अपनी नई पारी की शुरुआत कर सकते हैं। हालांकि, इस पर अभी तक पार्टी या केजरीवाल की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि वह पंजाब (Punjab) से राज्यसभा सदस्य बन सकते हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections) में हार के बाद पार्टी केवल पंजाब में सत्ता में कायम रही है।
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि आप के राज्यसभा सदस्य संजीव अरोरा राज्य की राजनीति में अपनी एंट्री के लिए विधानसभा उपचुनाव का रास्ता अपना सकते हैं। चर्चा है कि वह लुधियाना पश्चिम सीट से आगामी उपचुनाव लड़ सकते हैं।
यह भी पढ़ें- BMC: मुंबई में घटी पंजीकृत फेरीवालों की संख्या, अब रह गई मात्र इतनी
अंतिम फैसला नहीं…
हालांकि, इस बारे में भी अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। इसके अलावा, खबरें यह भी हैं कि आप पार्टी के नेताओं ने केजरीवाल को राज्यसभा भेजने के बारे में विचार किया है और संजीव अरोरा की जगह उन्हें ऊपरी सदन भेजने की योजना बन रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब से आप के अन्य छह राज्यसभा सांसदों ने भी केजरीवाल को अपनी सीट की पेशकश की है, लेकिन केजरीवाल ने अभी तक किसी भी ऑफर को स्वीकार नहीं किया है।
दिल्ली में पार्टी बैठक के दौरान भी अटकलें तेज
11 फरवरी को अरविंद केजरीवाल ने पंजाब सरकार और विधायकों के साथ दिल्ली में बैठक की थी। उस दौरान विधायकों ने आप में कोई अंदरूनी विवाद होने से इंकार किया और बैठक को सामान्य बताया। तब से यह चर्चा भी हो रही थी कि केजरीवाल पंजाब में कोई अहम भूमिका निभा सकते हैं, और उनके लुधियाना सीट से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही थी। हालांकि, आप के सांसद मलविंदर सिंह कंग ने इस बात को खारिज करते हुए इसे सिर्फ एक नियमित रणनीति बैठक बताया।
यह भी पढ़ें- Delhi Politics: सत्र के दूसरे दिन ही आतिशी समेत अन्य आप विधायकों को निकाला बाहर, यहां जानें क्यों
पंजाब में नई शुरुआत की चर्चाएं
दिल्ली में चुनाव हारने के बाद केजरीवाल के पंजाब में जाने की चर्चा जोर पकड़ रही थी। भाजपा से चुनावी जीत हासिल करने वाले और मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने पहले कहा था कि केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को दरकिनार कर सकते हैं। सिरसा का कहना था, “ऐसी खबरें हैं कि केजरीवाल भगवंत मान को यह कहकर अक्षम घोषित करेंगे कि वे अपने वादों को पूरा करने में असफल रहे हैं, जैसे महिलाओं को 1,000 रुपये देने का वादा और नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर काबू पाना। इसके बाद वह खुद मुख्यमंत्री की कमान संभाल सकते हैं।”
यह भी पढ़ें- UNGA: अमेरिका में बड़ा नीतिगत बदलाव, जानें UNGA में रूस का क्यों दिया साथ?
दिल्ली चुनाव में मिली हार
8 फरवरी को घोषित दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में अरविंद केजरीवाल के लिए दोहरी निराशा रही। एक ओर, जहां आप को भाजपा के हाथों हार का सामना करना पड़ा, वहीं केजरीवाल खुद नई दिल्ली सीट से चुनाव हार गए थे। भाजपा के प्रवेश वर्मा ने उन्हें 4,000 से ज्यादा मतों से हराया। केजरीवाल को कुल 25,999 वोट मिले थे। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में भाजपा ने 48 सीटों पर जीत हासिल कर सरकार बनाई, और रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री चुना।
यह वीडियो भी देखें-
Join Our WhatsApp Community